25+ दिल्ली(Delhi) मे घूमने की जगह कौन कौन सी है ? प्रसिद्ध Tourist Places दिल्ली

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दिल्ली मे घूमने की जगह कौन कौन सी है ?

अगर आप दिल्ली आए हुए हैं और आप दिल्ली में अच्छी-अच्छी जगहो मे घूमना चाहते हैं। तो नीचे आपको दिल्ली में कुछ घूमने के लिए बेहतरीन जगहों के बारे में बताया है, तो आपको एक ना एक बार इन जगहों में जरुर घूमने जाना चाहिए। 

दिल्ली की जगहो को बताने से पहले हम यह जान लेते हैं कि आखिर अगर आप कही  बाहर से आ रहे हैं तो आप दिल्ली कैसे आ सकते हैं। तो अगर आप फ्लाइट से दिल्ली आना चाहते हैं, तो आप आसानी से फ्लाइट के माध्यम से दिल्ली आ सकते हैं। दिल्ली में इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट मौजूद है, जहां आप लैंड कर सकते हैं, और अगर आप ट्रेन के माध्यम से आना चाहते हैं, तो ट्रेन से आने हेतू भी दिल्ली में कई रेलवे स्टेशन मौजूद हैं। जैसे की दिल्ली जंक्शन, न्यू दिल्ली रेलवे स्टेशन, ओल्ड दिल्ली रेलवे स्टेशन, निजामुद्दीन रेलवे स्टेशन, आनंद विहार रेलवे स्टेशन, आदि  रेलवे स्टेशन मौजूद है। जहां पर आप सीधे ट्रेन के माध्यम से आ सकते हैं। और अगर बात करे सड़क मार्ग की, तो कई प्रमुख शहर जैसे आगरा, जयपुर, शिमला, मनाली, देहरादून आदि। इन जगहों से दिल्ली के लिए बहुत ही आसानी से बस देखने को मिल जाती है। जिसमें आप अपना आरामदायक सफर पूरा कर सकते हैं।
और हमारे द्वारा जो आपको नीचे घूमने लायक जगह बताई गई है, वहां जाने के लिए भी आप दिल्ली से ऑटो रिक्शा का इस्तेमाल कर सकते हैं। आपको सभी जगहों के लिए आसानी से ऑटो रिक्शा देखने को मिल जाएगी। या फिर आप इन जगहों को घूमने के लिए बसों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

लाल किला (Red Fort)

दिल्ली में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगहों में से एक है लाल किला। जिसे की मुगल वास्तुकला में लाल बलुआ पत्थर से बनाया गया है, जो कि एक बहुत ही अच्छा पर्यटन स्थल है।  आगे पढ़े

इंडिया गेट (India Gate)

दूसरे नंबर पर जिस जगह का नाम आता है वह है इंडिया गेट। इसे प्रथम विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुए जवानों की याद में बनवाया गया था। यह राष्ट्रपति भवन के सामने बना हुआ है। यह भी एक बहुत ही अच्छा पर्यटन स्थल है आपको यहां एक बार जरूर जाना चाहिए। आगे पढ़े

कुतुब मीनार (Qutub Minar)

दिल्ली का कुतुब मीनार भी बेहतरीन घूमने वाली जगहो में से एक है। इसे हमारे भारत के 8 अजूबों में भी शामिल किया गया है। जिसे की ईरानी वास्तुकला का उदाहरण माना जाता है। और यह दिल्ली की ऊंची इमारतों में से एक है। आगे पढ़े

कमल मंदिर (Lotus Temple)

अगर आपको बिल्कुल ही शांति वाली जगह अच्छी लगती है, तो आपको दिल्ली के कमल मंदिर एक बार जरूर जाना चाहिए। कमल की आकृति का यह मंदिर बिल्कुल ही शांत वातावरण मैं स्थित है। यह एक उपासना केंद्र है, इस मंदिर की खास बात यह है कि यह एक उपासना केंद्र होने के बावजूद यहां किसी भी भगवान की मूर्ति स्थित नहीं है। आगे पढ़े

नेशनल जूलॉजिकल पार्क

अगर आप दिल्ली में कोई इंटरेस्टिंग सी जगह घूमने जाना चाहते हैं तो आप नेशनल जूलॉजिकल पार्क जा सकते हैं। यह एक चिड़ियाघर है जहां आपको विभिन्न प्रकार के दुर्लभ जानवर जैसे कि सफेद बाघ, बब्बर शेर आदि कई जानवर देखने को मिलेंगे। यह भी घूमने के लिए एक बेहतरीन जगह है। 

वंडर टू वेस्ट पार्क

अगर आप दिल्ली में है तो आपको एक बार वंडर टू वेस्ट पार्क भी जाना चाहिए। यहां आपको भारत के सात अजूबे देखने को मिल जाएंगे। जिनका निर्माण कई अपशिष्ट पदार्थों की मदद से किया गया है। जो कि वाकई में काफी ज्यादा आकर्षित है। आपको एक बार यहां घूम कर जरूर आना चाहिए।

लोटस टेंपल (Lotus Temple)

लोटस टेंपल दिल्ली के बहुत ज्यादा आकर्षक जगहो में से एक है, जहां की आपको जरूर जाना चाहिए। लोटस के आकार के होने के कारण इसे लोटस टेंपल के नाम से जाना जाता है, इस मंदिर में नहीं किसी भगवान की मूर्ति है, और ना ही यहां किसी प्रकार की पूजा की जाती है, बल्कि यहां लोग आते हैं और शांति का अनुभव प्राप्त करते हैं। इस टेंपल निर्माण 1986 में हुआ था।

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तुगलकाबाद का किला (Tughlakabad Fort)

यह किला दिल्ली में स्थित एक खंडहर किला है, जिसका निर्माण दिल्ली सल्तनत के तुगलक वंश के संस्थापक गियासुद्दीन तुगलक के द्वारा करवाया गया था। इसका निर्माण 1321 में करवाया गया था। यह दिल्ली के 7 शहरो में से तीसरा शहर है, जिसे की 1327 में छोड़ दिया गया था। दिल्ली जाने पर आपको एक बार यहां विजिट जरूर करना चाहिए।

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पराठे वाली गली (Parathe Vali Gali)

दिल्ली के चांदनी चौक में दिल्ली की प्रसिद्ध पराठे वाली गली मौजूद है, जोकि सन 1872 में पंडित गया प्रसाद परांठावाला के द्वारा यहां शुरू की गई थी। पराठेवाली गली में आपको कई प्रकार के पराठे की दुकानें मिल जाएगी, जहां आपको पंडित बिरादरी के द्वारा बनाए पराठे मिलेंगे, जोकि पूरी तरह से शकारहरी होता है। तो अगर दिल्ली जाने पर भूख लगे तो एक बार यहां जरूर जाएं।

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दिल्ली के अग्रेशन बावली (Delhi Agrasen ki Baoli)

ये दिल्ली में स्थित प्रसिद्ध बावलियो में से एक है। जिसका निर्माण 14वी शताब्दी में अग्रेसन महाराज जी के द्वारा किया गया था। इस बावली के कुवे में 105 सीढियां है। इस बावली का निर्माण लाल बलूवे पत्थर का इस्तेमाल करके किया गया है, यह बावली हमारे  दिल्ली के कनॉट प्लेस के पास में ही स्थित है।

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दिल्ली का गुरुद्वारा शीशगंज साहिब (Delhi Gurudwara sis Ganj )

दिल्ली का गुरुद्वारा शीशगंज साहिब दिल्ली के 9 ऐतिहासिक गुरुद्वारों में से एक है, जिसका निर्माण सन 1783 में बघेल सिंह ने नवे सिख गुरु तेग बहादुर जी के शहादत के उपलक्ष में बनवाया था। आज के समय में यह हमारे पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक के क्षेत्र में स्थित है। कहां जाता है कि इसी स्थान पर कश्मीरी पंडित और उनके 5 साथियों को फांसी सुनाई गई थी, जहां अभी यह गुरुद्वारा स्थित है। 

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राजघाट (Rajghat)

राजघाट दिल्ली के प्रसिद्ध घाटों में से एक है, जो कि यमुना नदी के पश्चिम में स्थित है, जोकि महात्मा गांधी के समाधि को समर्पित है। यह काले संगमरमर से बना हुआ है,, यहां एक मंच है, जहां पर गांधी जी की समाधि बनी हुई है, जहां महात्मा गांधी जी के समाधि पर उनके द्वारा कहे गए अंतिम शब्द हे राम उत्कृष्ट किए गए हैं। अगर आप भी दिल्ली आए हुए हैं, तो राजघाट जाकर महात्मा गांधी जी को श्रद्धांजलि जरूर दें।

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चांदनी चौक स्थित श्री गौरी शंकर मंदिर (Gauri Shankar Mandir Chandni chowk)

अगर श्री गौरी शंकर मंदिर की बात करे, तो यह दिल्ली के बहुत ही ज्यादा प्रमुख मंदिरों में से एक है, जोकि भगवान शिव और माता गौरी यानी की पार्वती जी को समर्पित है। यह मंदिर दिल्ली के दिगंबर लाल जैन मंदिर के पास ही चांदनी चौक में मुख्य पुरानी दिल्ली रोड में स्थित है। यह मंदिर तकरीबन 800 वर्षीय पुराना है, जिसका निर्माण गंगाधर द्वारा करवाया गया था ।

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दिल्ली का सबसे पुराना जैन मंदिर (Jain Mandir Old Delhi)

दिल्ली का सबसे पुराना जैन मंदिर, दिगंबर लाल जैन मंदिर है, जोकी लाल किला के सामने चांदनी चौक में स्थित है। यह मंदिर 23वें तीर्थंकर भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है, जिसके दर्शन के लिए यहां भक्तों की बहुत ही ज्यादा भीड़ लगी होती है। इस मंदिर का निर्माण शाहजहां के फौजी अफसर ने करवाया था, इसका निर्माण लाल बलवा पत्थर का उपयोग करके किया गया है। 

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राष्ट्रपति भवन (Rashtrapati Bhavan)

दिल्ली में स्थित राष्ट्रपति भवन राष्ट्रपति का आवास भवन है, जो की रायसीना के पश्चिम छोड़ पर स्थित है। यह दिल्ली के प्रमुख आकर्षण स्थलों में से एक है, राष्ट्रपति भवन में चार मंजिल है, और अगर कमरों की बात करें तो यहां कुल मिलाकर 340 कमरे हैं, जहां पर्यटनों की भीड़ लगी होती है। तो अगर आप भी दिल्ली आए हुए हैं, तो यहां आकर इसके दर्शन जरूर करें, यह भवन 350 एकड़ के एरिया में फैला हुआ है।

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जामा मस्जिद (Jama Masjid) 

जामा मस्जिद दिल्ली में स्थित एक मस्जिद है, जोकि हमारे भारत का सबसे बड़ा मस्जिद है। कहा जाता है कि इसका निर्माण सन 1956 में शाहजहां द्वारा करवाया गया था, जिसके लिए लाल बलुआ पत्थर और संगमरमर पत्थर का उपयोग किया गया है। कहा जाता है कि इसको बनने में 6 वर्ष का समय और लाखो रुपए की लागत लगी थी।

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अक्षरधाम मंदिर दिल्ली 

दिल्ली में स्थित अक्षरधाम मंदिर को स्वामीनारायण मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, जोकी स्वामीनारायण भगवान को समर्पित है। यह मंदिर 100 एकड़ की एरिया में फैला हुआ है, जोकि हिंदू धर्म का सबसे बड़ा मंदिर है। जिसे की गिनीज ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी शामिल किया गया है।

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हजरत निजामुद्दीन औलिया दरगाह

इस दरगाह का निर्माण हजरत निजामुद्दीन की याद में किया गया है, हजरत निजामुद्दीन चिश्ती घराने के चौथे संत थे। 92 वर्ष की उम्र में उन्होंने इस स्थान पर अपने प्राण त्याग दिए, जिस स्थान पर संगमरमर पत्थर का इस्तेमाल करके उनके मकबरे का निर्माण किया गया, जोकि आज दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है।

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लक्ष्मी नारायण मंदिर (बिरला मंदिर) 

दिल्ली में भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी को समर्पित यह मंदिर लक्ष्मी नारायण मंदिर के अलावा बिरला मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, जिसका निर्माण सन 1938 में किया गया था। इसके उद्घाटन स्वयं हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी ने किया था, यह वहां मनाए जाने वाली जन्माष्टमी के लिए प्रसिद्ध है, इसे दिल्ली जाने पर इसके दर्शन जरूर करें।

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श्री श्री राधा पार्थसारथी मंदिर

श्री श्री राधा पार्थसारथी मंदिर नेहरू प्लेस के पास में हरे कृष्ण पर्वत पर स्थित एक मंदिर है, जो कि भगवान कृष्ण और राधा के रूप में पार्थसारथी को समर्पित है। इस मंदिर का निर्माण 5 अप्रैल सन 1998 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के द्वारा किया गया था। इसे दिल्ली के इस्कॉन मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

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दिल्ली का जंतर मंतर

दिल्ली का जंतर मंतर एक खगोलीय वेधशाला है, जिसका निर्माण सन 1724 में जयसिह  द्वितीय के द्वारा करवाया गया था। यह प्राचीन भारत के वैज्ञानिक की क्षेत्र में प्रसिद्ध के तौर पर मौजूद है, इसका निर्माण जयसिह द्वितीय ने खगोल शास्त्रियों के बीच हुए ग्रहों की स्थिति के बहस को सुलझाने हेतु की थी।

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हुमायू का मकबरा

यह दिल्ली के दिनपनाह के करीब है जो की निजामुद्दीन पूर्व दिल्ली भारत में स्थित है, जो की मुगल साम्राज्य के हुमायूं का मकबरा है, जिसका निर्माण उनकी पहली पत्नी ने सन 1569–70 में किया था, और आज यह दिल्ली के प्रमुख आकर्षण केंद्रों में से एक बन चुका है। 1993 में इस मकबरे को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर के रूप में स्वीकार किया गया था।

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श्री आद्या कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर : छतरपुर

श्री आद्या कात्यानी शक्तिपीठ मंदिर जिसे की छतरपुर मंदिर के नाम से भी जाना जाता है, जो कि दिल्ली के छतरपुर नामक स्थान में स्थित है, यह मंदिर कात्यानी माता को समर्पित है, इस मंदिर का निर्माण सन 1978 मे नागपाल जी के द्वारा करवाया गया था।  इस मंदिर का निर्माण सफेद संगमरमर का इस्तेमाल करके किया गया है। यह मंदिर हिंदुओं का सबसे बड़ा मंदिर परिसर है।

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गुरुद्वारा बंग्ला साहिब

गुरुद्वारा बंगला साहिब दिल्ली के बहुत ही ज्यादा प्रमुख गुरुद्वारा में से एक है, जो कि दिल्ली के गोल मार्केट के करीब नई दिल्ली में ही स्थित है। गुरुद्वारा अपने स्वर्ण गुंबद के कारण बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है और आसानी से पहचान में आ जाता है, कहां जाता है कि यह गुरुद्वारा जयपुर के महाराजा जयसिंह का था।

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झंडेवालान माता मंदिर

दिल्ली के मध्य स्थित इस मंदिर को झंडेवाली माता के नाम से भी जाना जाता है, जो कि दिल्ली के पहाड़गंज और झंडेवालान क्षेत्र के मध्य में स्थित है, को अरावली पर्वत के श्रृंखलाओं में से एक है। इस मंदिर का महत्व हिंदू धर्म में बहुत ही ज्यादा है, जहां नवरात्रि के समय आपको बहुत ही ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ देखने को मिलेगी।

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कालकाजी मंदिर

अगर बात करें कालकाजी मंदिर की, तो यह दिल्ली के कालकाजी में स्थित है, जो कि नेहरू प्लेस के सामने ही मौजूद है। इसे कालकाजी मंदिर के नाम से जाना जाता है, क्योंकि यह मंदिर माता काली को समर्पित है, और यह मंदिर भी हिंदुओं का एक बहुत ही प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर का निर्माण काले और सफेद संगमरमर का इस्तेमाल करके किया गया है। इसके दर्शन के लिए लाखों की संख्या में लोग यहां आते हैं।

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