कष्टभंजनदेव(Kashtbhanjan Dev) मंदिर सारंगपुर कैसे पहुंचे ? रेल से, बस या कार

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सारंगपुर हनुमान मंदिर  जो की कष्ट भंजनदेव (Kashtbhanjan Dev) के नाम से प्रसिद्ध है एक बहुत चमत्कारी मंदिर है। यहाँ पर भक्त दूर दूर से आते है | माना जाता है की यहाँ आनेवाले भक्तो की मनोकामना पूरी होती है अगर कुंडली मै शनि दोष हो तो यहाँ दर्शन और पूजा अर्चना मात्र से संकट दूर हो जाते है। इसी लिए यहाँ भक्तो की साल भर भीड़ लगी रहती है।

कष्ट भंजनदेव मंदिर से एक पौराणिक कथा भी जुडी हुई है उसमे बताया गया है की कैसे हनुमानजी ने लोगो को शनि कष्टों से मुक्ति दिलाई थी। इस लिए ये एक बेहद प्राचीन मंदिर है जो की अपने आप मैं ही एक खास बात है।

कष्ट भंजनदेव (Kashtbhanjan dev) मंदिर सारंगपुर रेल से कैसे पहुंचे ?

दोस्तो यहाँ का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन बोटाद जंक्शन है जो की लगभग 15 किलोमीटर की दुरी पर है कष्ट भंजनदेव मंदिर से। यहाँ से आपको कष्ट भंजनदेव मंदिर तक के लिए ऑटो टेम्पो मिल जायेंगे।

पास कौन सा रेलवे स्टेशन है बोटाद जंक्शन
कष्ट भंजनदेव(Kashtbhanjan Dev) मंदिर के पास ठहरने की व्यवस्था स्वामी नारायण ट्रस्ट की धर्मशाला
अहमदाबाद से मंदिर की दुरी लगभग 153 किलोमीटर है
बोटाड जंक्शन रेलवे स्टेशन और कष्ट भंजनदेव मंदिर सारंगपुर के बीच की दूरी 15 किमी है

कष्ट भंजनदेव (Kashtbhanjan Dev) मंदिर सारंगपुर के पास कौन सा रेलवे स्टेशन है।

कष्ट भंजनदेव मंदिर सारंगपुर के पास मात्र एक ही रेलवे स्टेशन है जिसका नाम बोटाद जंक्शन है आप देश के किसी भी शहर के रेलवे स्टेशन से आरहे हो तो आपको बोटाद जंक्शन ही आना पड़ेगा वही यहाँ का सबसे पास का रेलवे स्टेशन है। अगर आपके रेलवे स्टेशन से सीधी बोटाद जंक्शन रेलवे स्टेशन तक रेल ना मिले तो आप अहमदाबाद रेलवे स्टेशन तक आ सकते है और यहाँ से फिर बोटाद जंक्शन रेलवे स्टेशन के लिए जा सकते है क्योकि बोटाद जंक्शन के लिए सीधी रेल भी नहीं मिल सकती है।

कष्ट भंजनदेव मंदिर के पास ठहरने की व्यवस्था।

दोस्तों अगर आप कष्ट भंजनदेव (Kashtbhanjan Dev) मंदिर जाने की सोच रहे है तो आप को यहाँ ठहरने का भी पता होना चाहिए। दोस्तों स्वामी नारायण ट्रस्ट की धर्मशाला मंदिर के पास ही है वहाँ पर आप रुक सकते है जोकि बहुत कम मूल्य पर आपको मिल जाएगी। यहाँ पर कम मूल्यों मै आपको बहुत अच्छा प्रबंद मिल जायेगा।

बोटाड जंक्शन रेलवे स्टेशन और कष्ट भंजनदेव मंदिर सारंगपुर के बीच की दूरी

बोटाड जंक्शन रेलवे स्टेशन से कष्ट भंजनदेव की दूरी 15 किमी है। आप सार्वजनिक परिवहन सुविधा जैसे साझा ऑटो रिक्शा या बसों द्वारा कष्ट भंजनदेव मंदिर तक पहुँच सकते हैं।

गुजरात से कष्ट भंजनदेव मंदिर की दूरी

सड़क मार्ग से गुजरात और कष्ट भंजनदेव(Kashtbhanjan Dev) के बीच की दूरी 153 किलोमीटर है और यह दूरी बस या कार द्वारा तय की जा सकती है।

दिल्ली से कष्ट भंजनदेव मंदिर सारंगपुर रेल से कैसे जाये। (Delhi se Kasth Bhanjan Dev mandir kaise phuche)

दोस्तों देश की राजधानी दिल्ली से आपको सभी लोकेशन के लिए आपको रेल मिल जाएगी किन्तु कष्ट भंजनदेव(Kashtbhanjan Dev) मंदिर का सबसे पास का रेलवे स्टेशन बोटाद जंक्शन है यहाँ के लिए आपको दिल्ली से सीधी रेल नहीं मिल पायेगी आपको अहमदाबाद स्टेशन के लिए पहले रेल पकड़नी है फिर वहाँ से आपको बोटाद जंक्शन के लिए रेल लेनी है।

कष्टभंजनदेव मंदिर सारंगपुर सड़क मार्ग से बस या कार से कैसे पहुंचे ?

सड़क मार्ग से कष्टभंजनदेव(Kashtbhanjan Dev) मंदिर सारंगपुर पहुंचने के लिए आप गुजरात के किसी भी राज्य से राज्य परिवहन निगम या प्राइवेट बस ले सकते है। अहमदाबाद से मंदिर की दुरी लगभग 153 किलोमीटर है अहमदाबाद से आपको आराम से कष्टभंजनदेव मंदिर सारंगपुर के लिए बस मिल जाएगी। आप आस पास के इलाको से भी सारंगपुर गांव के लिए बस ले सकते है।

कष्टभंजन देव सारंगपुर की जानकारी | सारंगपुर गुजरात का इतिहास

आज के इस लेख में हम आपको कष्टभंजन  देव सारंगपुर की जानकारी देने वाले है। यह एक श्री हनुमान मंदिर है, जो कि गुजरात के सारंगपुर में स्थित है और स्वामीनारायण संप्रदाय के अंतर्गत आता है। यह एकमात्र स्वामीनारायण मंदिर है जिसमें पूजा के प्राथमिक देवता के रूप में स्वामीनारायण या कृष्ण की मूर्तियाँ नहीं हैं। यह कस्तभजन के रूप में हनुमान को समर्पित है। इस हनुमान की मूर्ति को सद्गुरु गोपालानंद स्वामी ने स्थापित की थी।

सारंगपुर का यह हनुमान मंदिर  सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक खुला रहता है और फिर दोपहर 12 बजे से दोपहर 3 बजे तक विश्राम का समय रहता है। इसके बाद मंदिर दोपहर 3 बजे फिर से खुल जाता है और रात 9 बजे बंद हो जाता है। यदि आपको मंदिर में आरती के वक्त जाना है तो मंदिर में सुबह साढ़े पांच बजे मंगला आरती की जाती है। मंदिर के भोजन कक्ष में सभी भक्तों को भोजन निशुल्क परोसा जाता है। यह भोजन कक्ष मंदिर के ट्रस्ट के साथ-साथ उसी परिसर में स्थित स्वामीनारायण मंदिर द्वारा चलाया जाता है। यहां प्रतिदिन लगभग 5,000 लोग दोपहर के भोजन के रूप में प्रसाद ग्रहण करते हैं।

क्या आपको यह बात पता है कि जो लोग बुरी आत्माओं से प्रभावित होते है वह लोग इस मंदिर का दर्शन करने जरूर आते है क्योंकि लोगो का ऐसा कहना है कि भगवान हनुमान जी नकारात्मक आत्माओं को दूर भगाते है। यहां पर हररोज सैकड़ों भक्त भगवान हनुमान का आशीर्वाद लेने के लिए आते हैं ताकि उनकी समस्याओं का निवारण हो और उन्हें शांति प्राप्त हो।

जैसा कि सारंगपुर हनुमान मंदिर में भगवान हनुमान की मूर्ति गोपालानंद स्वामी द्वारा स्थापित की गई थी, तो कुछ लोगो का कहना यह भी है कि मूर्ति को स्थापित करते समय, स्वामी ने इसे एक छड़ी से छुआ जिससे इसमें जीवन उत्पन्न हो गया। अब इस छड़ी को सिल्वर कलर से कवर किया गया है।  यह कथा उन भक्तों के बीच एक विश्वास में बदल गई है जो इस मंदिर में किए जाने वाले उपचार पर विश्वास करते हैं। यदि आप हनुमान जयंती के दिन इस मंदिर के परिसर में जाते है तो यह वाकई में एक अच्छी बात होगी क्योंकि यहां पर हनुमान जयंती बढ़ी ही धूम धाम से मनाई जाती है।

हनुमथ जयंती देवता हनुमान के जन्म के दिन मनाई जाती है, जिनकी पूरे भारत में पूजा की जाती है। यहां पर यह भगवान हनुमान के भक्तों के बीच बहुत उत्साह और भावना के साथ मनाया जाता है। यहां पर पूरे देश से भक्त मंदिर में पूजा करने के लिए आते हैं। भक्त मंदिरों में जाते हैं और हनुमान की मूर्ति से सिंदूर का तिलक अपने माथे पर लगाते हैं। यह आयोजन चैत्र मास के शुक्ल पक्ष के 15वें दिन मनाया जाता है। तो यदि आप इस मंदिर में दर्शन के लिए जाने की सोच रहे है तो आपको हनुमान जयंती के दिन अवश्य जाना चाहिए।

तो इस लेख में हमने आपको कष्टभंजन देव(Kashtbhanjan Dev) सारंगपुर की जानकारी दे दी है। हम आशा करते है कि आज का यह लेख आपको पसंद आया होगा।

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