प्रेमानंद जी महाराज के आश्रम कैसे जाएं? प्रेमानंद जी महाराज से कैसे मिले ?

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दोस्तों अगर हम आपको कहे वृंदावन वाले बाबा कौन हैं, या फिर पीले बाबा कौन हैं, तो हमे पता है कि आपके दिमाग में सिर्फ एक ही व्यक्ति का नाम और चेहरा आया होगा, वह है प्रेमानंद जी महाराज का। जी हां दोस्तों हम बात कर रहे हैं वृंदावन के प्रेमानंद जी महाराज के बारे में, जिन्हें कि आप और हम सभी पीले बाबा और वृंदावन वाले बाबा के नाम से भी जानते हैं। सभी को मालूम है कि यह वृंदावन में रहते हैं, और राधा रानी की भक्ति करते हैं, यह हमेशा पीले वस्त्र धारण किए हुए रहते हैं, इसलिए हम इन्हें पीले बाबा के नाम से भी जानते हैं।

सिर्फ 13 वर्ष की आयु में ही इन्होंने अपने घर को त्याग दिया था, और सन्यास धारण कर लिया था, और आज वर्तमान समय में यह लगभग 60 वर्ष के हो गए हैं, और आज भी राधा रानी की भक्ति किया करते हैं। वृंदावन में इनका खुद का एक आध्यात्मिक संगठन है, जहां यह लोगों के सभी सवालों का जवाब अच्छी तरह से देते हैं, और लोगों का मार्गदर्शन करते हैं।

तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको प्रेमानंद जी महाराज के बारे में बताने वाले हैं, इनके भक्तों को महाराज जी को लेकर कई प्रकार के प्रश्न होते हैं, जैसे कि प्रेमानंद जी महाराज से कैसे मिले? उनसे दीक्षा कैसे प्राप्त करें? और इनके आश्रम कैसे पहुंचे? तो अगर आपको भी इन सभी सवालों का जवाब जानना है, तो आज के हमारे इस आर्टिकल को आखिरी तक जरूर पढ़ें। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और शुरू करते है।

प्रेमानंद जी महाराज (Premanand ji Maharaj) से कैसे मिले ?

तो दोस्तों जैसा कि हमने आपको ऊपर में कहा था कि प्रेमानंद जी महाराज को हम वृंदावन वाले महाराज के नाम से भी जानते हैं, क्योंकि प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन में ही निवास करते हैं, और वहीं रहकर वह लोगों का मार्गदर्शन करते हुए लोगों का कल्याण करते हैं, और लोगों को दीक्षा प्रदान करते हैं। तो दोस्तों अगर बात करें कि प्रेमानंद जी महाराज से आप किस प्रकार से मिल सकते हैं, तो जाहिर सी बात है कि प्रेमानंद जी महाराज से मिलने के लिए आपको सबसे पहले मथुरा यानी कि वृंदावन आना होगा, वहीं आप महाराज जी से मिल सकते हैं।

अब बताती है कि महाराज जी से कैसे मिले, तो इसके लिए या तो आप महाराज जी के ऑफिसियल वेबसाइट (वृंदावन रस महिमा)  की मदद से महाराज जी से संपर्क करें, और उसके बाद उनसे मुलाकात करें, और अगर आप ऐसा नहीं करना चाहते, तो इसके लिए आपको सुबह जल्दी 2:00 बजे उठकर मथुरा जाना होगा, क्योंकि सुबह 2:00 बजे प्रेमानंद जी महाराज वृंदावन की परिक्रमा करते हैं, जिस समय सभी भक्त उनके दर्शन आसानी से कर सकते हैं। हम आपको बता दें कि यह काम प्रेमानंद जी महाराज रोज करते हैं, वह रोज सुबह 2:00 बजे उठकर वृंदावन की परिक्रमा करते हैं, उस समय आपको सड़क पर भक्तों की बहुत ही ज्यादा भीड़ देखने को भी मिल जाएगी, जो कि गुरु जी के दर्शन करने के लिए यहां आते हैं। तो आप भी सही समय में पहुंचकर गुरु जी के परिक्रमा के दौरान उनसे मिल सकते हैं। इसी के साथ महाराज जी तीन से चार बजे के आसपास अपने आश्रम में जाते हैं, तो आप इस समय आश्रम के दरवाजे पर आकर भी आश्रम में जाते वक्त महाराज जी के दर्शन कर सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे, इन तरीकों से आप सिर्फ महाराज जी के दर्शन ही कर सकते हैं, दीक्षा लेने के लिए आपको कुछ और करना होगा, जिसके बारे में आगे हमने आपको बताया है।।

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प्रेमानंद जी महाराज (Premanand ji Maharaj) से दीक्षा कैसे लें ?

तो दोस्तों जैसा कि आपको पता है कि प्रेमानंद जी महाराज(Premanand ji Maharaj) सभी के प्रश्नों का उत्तर देते हैं, और लोगों का मार्गदर्शन करते हैं। तो अगर आपके मन में भी कोई ऐसा प्रश्न है, जिसका जवाब आप महाराज जी से प्राप्त करना चाहते हैं, यानी कि आप महाराज जी से दीक्षा प्राप्त करना चाहते हैं, तो हम आपको बता दें कि महाराज जी से दीक्षा प्राप्त करना कोई आसान काम नहीं है, इसके लिए आपको कई चीजों का ध्यान रखना होता है। तो अगर बात करें कि आप प्रेमानंद जी महाराज से दीक्षा कैसे प्राप्त कर सकते हैं, यानी कि आप उनसे अपने प्रश्न किस प्रकार से पूछ सकते हैं, तो हम आपको बता दें कि जिस दिन आपको महाराज जी से प्रश्न पूछना है, या फिर दीक्षा प्राप्त करनी है, उसके एक दिन पहले आपको महाराज जी के शिष्य के पास अपना नाम और अपना प्रश्न लिखवाना होगा।

ध्यान रहे कि जिस दिन आपको गुरु जी से प्रश्न करना हो, उसके एक दिन पहले ही आप शिष्य के पास जाकर अपना नाम और प्रश्न लिखवा लें, इसके बाद आपको अगले दिन महाराज जी के आश्रम में आना है, जिसमें की आपको बहुत लंबी लाइन में शामिल होना होगा, जिसके बाद शिष्य के द्वारा एक एक करके सभी के प्रश्न महाराज जी के सामने लाए जाएंगे, यानी कि आप शिष्य के माध्यम से अपना प्रश्न महाराज जी से कर सकते हैं। 

अब आप सोच रहे होंगे कि इतना करने के बाद आपको महाराज जी से दीक्षा मिल जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं है। जब आपका नाम महाराज जी को बताया जायेगा उसके बाद प्रेमानंद जी महाराज आपको देखेंगे और आपको कहेंगे कि मैं तुम्हें दीक्षा प्रदान तो करूंगा ही, लेकिन इससे पहले तुम्हें कई चीजों का ध्यान रखना होगा, उसके बाद ही मैं तुम्हें दीक्षा प्रदान करूंगा। जैसे कि तुम्हारे घर में राधा रानी की पूजा होनी जरूरी है, और तुम्हें दिन में किसी भी मंत्र का 16 माला जाप करना जरूरी है। क्योंकि प्रेमानंद महाराज जी राधा रानी के भक्त हैं, इसलिए उनका मानना है कि जिस घर में सरकार की पूजा नहीं होती, वह दीक्षा देने योग्य नहीं है। इसलिए जब तक आप दिन में 15 से 16 मंत्रों का माला जाप नहीं करते, और जब तक आपके घर में राधा और श्याम जी की पूजा नहीं होती, तब तक आप प्रेमानंद जी महाराज से दीक्षा प्राप्त नहीं कर सकते। इसके अलावा भी ऐसे और कई सारे नियम हैं, जिसके बाद ही आप गुरु जी से दीक्षा प्राप्त कर सकते हैं, जैसे कि लहसुन और प्याज का सेवन ना करना, वृंदावन में 40 दिन का वास, यानी कि गुरु जी से दीक्षा प्राप्त करना इतना भी आसान नहीं है। कई लोगों को तो गुरु जी से दीक्षा प्राप्त करने में सालों का समय लग जाता है। अगर आपको भी प्रेमानंद जी महाराज से दीक्षा प्राप्त करनी है, तो यह पहले ही जान ले, कि उनसे दीक्षा प्राप्त करना सभी के बस की बात नहीं है, अगर आप इन सभी चीजों के लिए तैयार हैं, तो ही उनसे दीक्षा लेने के बारे में सोचे या फिर दीक्षा प्राप्त करने वृंदावन जाए।

प्रेमानंद जी महाराज की किडनी 

दोस्तों आप सोच रहे होंगे कि भला प्रेमानंद जी महाराज के किडनी के बारे में हमें आपको बताने की क्या जरूरत पड़ गई। तो हम आपको बता दें कि अब हम जो आपको प्रेमानंद जी महाराज के बारे में बात बताने वाले हैं, उसको जानने के बाद शायद आपको इस बात में विश्वास ना हो, असल में जो प्रेमानंद जी महाराज हैं, उनकी दोनों किडनीया खराब है। अब आप सोच रहे होंगे कि या तो यह बात झूठ है, या फिर उनकी किडनियां अभी-अभी ही खराब हुई होगी। लेकिन हम आपको बता दें, कि ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। प्रेमानंद जी महाराज की दोनों किडनी लगभग 18 से 19 साल पहले से ही खराब हो चुकी हैं, और वह अभी तक बिल्कुल स्वस्थ हैं, और राधा रानी की सेवा कर रहे हैं।

दोस्तों इतना ही नहीं, उन्होंने अपनी दोनों खराब किडनी का नाम भी रखा है, जिसमें से एक किडनी का नाम उन्होंने राधा और दूसरे किडनी का नाम उन्होंने श्याम रखा है। शायद यही कारण है कि राधा रानी की कृपा से उनकी दोनों किडनी खराब होने के बावजूद भी आज वह पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं, और भगवान की भक्ति कर रहे हैं।

कहा जाता है कि एक दिन जब महाराज जी की तबीयत बिगड़ी, और वह डॉक्टर के पास गए, तब डॉक्टर ने उन्हें सीधे-सीधे यह बात कह दी कि उनकी दोनों किडनियां आधी से ज्यादा खराब हो चुकी है, और उनके पास ज्यादा वक्त नहीं है। लेकिन महाराज जी ने यह जानने के बाद भी अपनी भक्ति नहीं छोड़ी, और राधा रानी का नाम जपते जपते आज भी पूर्ण रूप से स्वस्थ हैं। शायद यह उनकी भक्ति का ही फल है कि दोनों किडनी खराब होने के बावजूद भी वह आज स्वस्थ हैं, और 2:00 बजे उठकर पूरी वृंदावन की परिक्रमा करते हैं। जिसके बाद अपने आश्रम में बैठकर लोगों का मार्गदर्शन भी करते हैं। वैसे तो कई बार देखा जाता है कि उनकी किडनी की समस्या को लेकर गुरु जी की तबीयत थोड़ी खराब हो जाती है, लेकिन हां तबीयत खराब होने के बावजूद भी वह राधा श्याम और अपने गुरु जी की आराधना करना नहीं भूलते।

प्रेमानंद जी महाराज आश्रम कैसे जाएं ?

तो दोस्तों अगर आप प्रेमानंद जी महाराज के आश्रम जाना चाहते हैं, तो वैसे तो उसके लिए आपको वृंदावन आना होगा। लेकिन हम आपको बता दे कि उनसे मुलाकात करने के लिए आपको किसी भी प्रकार का कांटेक्ट नंबर नहीं मिलेगा, क्योंकि अभी तक महाराज जी से मुलाकात या फिर कांटेक्ट करने हेतु कोई भी सार्वजनिक नंबर जारी नहीं किया गया है। अगर आप उनसे संपर्क या फिर मुलाकात करना चाहते हैं, तो उसके लिए आप उनकी ऑफिशियल वेबसाइट जिसका नाम वृंदावन रस महिमा है इस वेबसाइट में जाकर संपर्क कर सकते हैं, और रही बात आश्रम जाने की, तो उसके लिए आप वृंदावन में आकर, श्री हित राधा केली कुन्ज, वृन्दावन परिकर्मा मार्ग, वराह घाट, वृन्दावन, उत्तर प्रदेश, वृंदावन- 281121 प्रेमानंद जी महाराज के आश्रम की इस एड्रेस में आकर महाराज जी के दर्शन कर सकते हैं, और इसी आश्रम में आकर आप महाराज जी से दीक्षा भी प्राप्त कर सकते हैं, अगर आप दीक्षा प्राप्त करने योग्य है तो।

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1 thought on “प्रेमानंद जी महाराज के आश्रम कैसे जाएं? प्रेमानंद जी महाराज से कैसे मिले ?”

  1. राधे राधे प्रभु जी मेरा नाम मनोज कुमार बुराकोटी है में मुंबई में कार्यरत हु ।प्रभु जी आपके युटुब के माध्यम से मेरी गन्दी आदत जैसे शराब पीना और मास खाना सब बंद हो गया हैं।बस अब दास का भाव आपका दर्शन करना है।श्री राधा रानी जी से प्रार्थना करता हु कि मुझ अबोध को आपके दर्शन मिल जाए ।जय श्री राधे राधे

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