मोती मस्जिद का इतिहास & मोती मस्जिद कैसे पहुंचे

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तो दोस्तों गर्मियों की छुट्टियां चालू होने वाली है, वैसे मैं आप कहीं जाने के बारे में तो विचार कर ही रहे होंगे। तो कई लोगों को गर्मियों की छुट्टियों में ऐसी जगह जाना पसंद होता है, जहां उन्हें इतिहास के बारे में जानने को मिले, तथा वह इतिहास के सुंदरता को आज वर्तमान में निहार कर उसे महसूस कर सकें। तो अगर आप हमारे भारत में किसी ऐसे जगह के बारे में सोच रहे हैं, जहां आपको इतिहास के बारे में जानने को मिले तो आगरा से अच्छी जगह भला कौन सी हो सकती है। क्योंकि आगरा में आपको ऐसी कई सारी इतिहास एवं प्राचीन चीजें देखने को मिल जाती है जिसे आप वहां वर्तमान में जाकर देख सकते हैं, और इतिहास के बारे में और जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको आगरा में ही स्थित एक पर्यटन स्थल या फिर कहें हमारे प्राचीन काल की अनूठी शान, मोती मस्जिद के बारे में बताने वाले हैं। अब आप इस नाम से कंफ्यूज ना हो इसलिए हम आपको पहले ही बता देते हैं कि मोती मस्जिद हमारे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा जिले में स्थित है, ऐसा हमने इसलिए कहा क्योंकि मोती मस्जिद नाम से हमारे देश में कई प्रकार के मस्जिद हैं, जैसे की बात करें दिल्ली में भी लाल किले में मोती मस्जिद स्थित है, जिसका निर्माण औरंगजेब के द्वारा करवाया गया था, और ऐसे ही कई कई जगह इसी नाम के मस्जिद मौजूद है, इसलिए हमने आपको पहले ही बता दिया है कि आज हम आपको किस मस्जिद बारे में बताने वाले हैं।

जी हां आज हम आपको आगरा के मोती मस्जिद के बारे में बताने वाले हैं, इस आर्टिकल में आप जानेंगे कि मोती मस्जिद को किसने और कब बनाया था यानी कि इसके इतिहास के बारे में। हम आपको यह भी बताएंगे कि अगर आप यहां घूमने आना चाहते हैं, तो आप यहां कैसे और किन किन साधनों से आ सकते हैं, तो चलिए बिना किसी देरी के आगे बढ़ते हैं, और आज के हमारे इस आर्टिकल को शुरू करते हैं।

मोती मस्जिद का इतिहास (Moti Masjid History in Hindi)

तो जैसा कि हमने आपको बताया कि हमारे देश में मोती मस्जिद नाम से कई प्रकार के मस्जिद मौजूद है, लेकिन अगर बात करें आगरा में स्थित मोती मस्जिद की तो यह आगरा में आगरा किले के अंतर्गत स्थित है, और यह ताजमहल से लगभग 2.5 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। अगर बात करें इसका निर्माण किसने करवाया था, तो इसका निर्माण शाहजहा ने करवाया था। तो चलिए आपको इसके इतिहास के बारे में पूरी जानकारी देते हैं।

तो हमने आपको यह तो बता दिया है कि इस मोती मस्जिद का निर्माण मुगल सम्राट शाहजहां ने करवाया था, और अगर इसके बनने के समय की बात करें तो इसका निर्माण शाहजहां ने लगभग 1648 से 1654 ईसवी के बीच में करवाया था, कुछ इतिहासकारों का कहना है कि इस मस्जिद को बनने में पूरे 4 साल का समय लगा था, और कहा जाता है कि इस मस्जिद का निर्माण मुगल साम्राज्य के सदस्यों के लिए एक पूजा स्थल के रूप में किया गया था। अगर इस मस्जिद की बात करें तो या आगरा के सबसे पुराने मस्जिदों में से एक है। कहा जाता है कि यह मस्जिद चांदनी रात के समय मोतियों के समान चमकती है, इसलिए इसका नाम मोती मस्जिद रखा गया है, और कहा जाता है कि जब चांदनी रात में यही मोतियों के समान चमकता दिखाई देता है, तो यह हमारे मन को बहुत ही ज्यादा शांति प्रदान करता है, तथा अपनी और आकर्षित करता है। इसलिए इसके दर्शन के लिए यहां लाखों की संख्या में पर्यटक यहां आते हैं, इसलिए यह आगरा का एक प्रमुख पर्यटक स्थल बन चुका है। इस मस्जिद में बड़े-बड़े तीन कियोस्क गुंबद है, जिनका निर्माण सफेद संगमरमर का इस्तेमाल करके किया गया है, लेकिन मंदिर के बाहरी हिस्से की बात करें, तो इसका निर्माण लाल बलुआ पत्थर का उपयोग करके बनाया किया गया है। खास बात यह है कि इस मंदिर के गुंबदो का डिजाइन हिंदू धर्म के अनुसार किया गया है, यानी कि हिंदू वास्तुकला के अनुसार इन गुंबदों को डिजाइन किया गया है। अगर बात करें इस मंदिर के खास बातों की तो हमने आपको गुंबदों के बारे में तो बता ही दिया है, लेकिन इस मंदिर के प्रांगण कक्ष के संगमरमर के टंकी के साथ साथ धूप घड़ी मौजूद है, जिसे की कोने में अष्ट कोणीय संगमरमर के स्तंभ में उकेरा गया  है। यह मंदिर आपको देखने में पहली बार में ऐसा प्रतीत होगा जैसा कि आप सच में किसी मोती को देख रहे हैं, इसलिए इसका नाम होती मस्जिद रखा गया है, और इसकी सुंदरता किसी का भी ध्यान अपनी और आकर्षित कर लेती है। तो इसलिए अगर आप आगरा गए हुए हैं, तो आपको एक न एक बार आगरा के किले में जाकर इस मोती मस्जिद के दर्शन जरूर करना चाहिए आपको जरूर अच्छा महसूस होगा।

मोती मस्जिद कैसे पहुंचे (Moti Masjid Kaise Phuche)?

तो जैसा कि हमने आपको बताया कि मोती मस्जिद हमारे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के आगरा जिले के अंतर्गत आगरा किले के अंतर्गत मौजूद है। अगर बात करें कि आप यहां कैसे पहुंच सकते हैं, तो आपको यहां आने के लिए अनेक साधन देखने को मिल जाएंगे, तो चलिए उनके बारे में आपको हम बता देते हैं।

बस से मोती मस्जिद कैसे पहुंचे (Bus se Moti Masjid Kaise Phuche)?

हम आपको एक बार फिर बता रहे हैं कि मोती मस्जिद हमारे भारत के आगरा में स्थित है, और रही बात आगरा की तो यह लगभग सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। तो अगर आप यहां  जाने के लिए बस इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो आपको लगभग सभी प्रमुख शहरों से आगरा के लिए बसें देखने को मिल जाएगी, जिसकी मदद से आप आसानी से मोती मस्जिद पहुंच सकते हैं।

ट्रेन से मोती मस्जिद कैसे पहुंचे (Train se Moti Masjid Kaise Phuche)?

अगर आप यहां ट्रेन से आने के बारे में सोच रहे हैं, तो हम आपको बता दें कि मोती मस्जिद का निकटतम रेलवे स्टेशन ईदगाह रेलवे स्टेशन है, जहां से मस्जिद की दूरी मात्र 4 किलोमीटर की है, जिसे पूरा करने के लिए आपको रेलवे स्टेशन से टैक्सी या फिर कैब देखने को मिल जाएगी। जिसकी मदद से आप अपना सफर पूरा कर सकते हैं।

फ्लाइट से मोती मस्जिद कैसे पहुंचे (Airo plane se Moti Masjid Kaise Phuche)?

अगर आप फ्लाइट के माध्यम से यहां आने के बारे में सोच रहे हैं, तो आप आगरा के खेरिया एयरपोर्ट आ सकते हैं, जो कि आगरा में ही मौजूद है। अगर बात करे यहां से इस मस्जिद की दूरी की, तो वह लगभग 8  किलोमीटर की है, जिसे पूरा करने के लिए आपको यहां से टैक्सी या फिर कैब किराए पर मिल जाएगी।

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