आज का यह आर्टिकल का मकसद आपके सफर को आसान बनाना है। अब आप सोचेंगे कौनसा सफर। तो आज हम आपको इस आर्टिकल में एक मंदिर के सफर के बारे में बताने वाले हैं जो कि मध्य प्रदेश में स्थित है, और उस मंदिर का नाम है रतनगढ़ माता मंदिर। अगर आप भी रतनगढ़ माता मंदिर जाकर माता के दर्शन करना चाहते हैं, तो आज के इस आर्टिकल में आपको इसकी पूरी जानकारी मिलने वाली है।
रतनगढ़ माता मंदिर कहाँ है ? | रतनगढ़ माता मंदिर मध्य प्रदेश के रामपुरा गाँव से 5 किमी दूर इस्थित है। |
रतनगढ़ माता मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन कौन सा है ? | दतिया रेलवे स्टेशन रतनगढ़ माता मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन है। |
आज हम आपको यह बताने वाले हैं कि आप यहां किस प्रकार पहुंच सकते हैं। साथ ही साथ आप यहां आकर मंदिर के दर्शन किस प्रकार कर सकते हैं। इसी के साथ हम आपको इस मंदिर के इतिहास के बारे में भी कुछ जानकारी देने वाले हैं। तो इसलिए इसे आखिरी तक जरूर पढ़ें।
रतनगढ़ माता मंदिर का इतिहास (Ratangarh mata mandir History in Hindi)
रतनगढ़ माता की कहानी
यह बात लगभग आज से 400 साल से भी ज्यादा पुरानी है। उस समय अलाउद्दीन खिलजी का अत्याचार बहुत ही ज्यादा बढ़ गया था। उसने रतनगढ़ में आने वाले पानी को बंद कर दिया, जिसका विरोध रतन सिंह की बेटी देवी मंडूला एवं उनके भाई कुंवर गंगा रामदेव जी ने किया। इसकी वजह से अलाउद्दीन खिलजी और भी ज्यादा गुस्सा हो गया, और उसने रतनगढ़ माता मंदिर पर आक्रमण कर दिया। इस मंदिर के साथ-साथ उसकी मांडूला पर भी बहुत ही बुरी नजर थी, इसी बुरी नजर के साथ अलाउद्दीन खिलजी ने उनके महल पर पर भी आक्रमण कर दिया, और कहा जाता है कि इन सभी चीजों से बचने के लिए मंडुला देवी और उनके भाई कुंवर गंगा रामदेव जी ने इस मंदिर के स्थान यानी कि उस घने जंगल में जाकर समाधि ले ली, और इन सभी चीजों से मुक्ति पा लिया, और कहा जाता है कि इसी कारण इस जगह में इस मंदिर का निर्माण किया गया है। अगर इस मंदिर की देवी की बात की जाए तो यहां देवी के रूप में माता मांडूला ही मौजूद हैं, और यहां इनके भाई यानी कि कुंवर जी महाराज का एक और मंदिर भी स्थित है।
चलिए अब हम यह जान लेते हैं कि अगर आप भी रतनगढ़ माता मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं, तो आप किस प्रकार कर सकते हैं।
रतनगढ़ माता मंदिर के दर्शन कैसे करे ?
अगर आप भी रतनगढ़ माता मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं, और साथ ही साथ आप कुंवर जी महाराज मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं। तो आपके लिए सही होगा कि आप सबसे पहले मंदिर के खुलने और बंद होने के समय के बारे में जान ले। ताकि आपको माता के दर्शन करने में किसी भी प्रकार की परेशानी ना हो। तो इसके लिए हम आपको बता देते हैं कि, रतनगढ़ माता मंदिर यह मंदिर सुबह 7:00 बजे भक्तों के लिए खुल जाता है, और अगर इसके बंद होने के समय की बात की जाए तो यह रात 9:00 बजे बंद हो जाता है। तो अगर आप इस बीच आकर माता के दर्शन करना चाहे तो आसानी से कर सकते हैं। लेकिन हम आपको यह भी बता देते हैं कि यह समय निश्चित नहीं है। यह समय दिन और मौसम के हिसाब से बदल भी सकता है। इसलिए अगर आप यहां आए, तो सबसे पहले मंदिर का समय किसी जानकार से पता कर ले।
रतनगढ़ माता मंदिर कैसे पहुंचे (Ratangarh mata mandir kaise phuche ) ?
हम आपको पहले ही बता देते हैं कि यह मंदिर रामपुरा गांव से 5 किलोमीटर दूर, और दतिया जिले से 55 किलोमीटर दूर घने जंगलों में स्थित है, और इस मंदिर के पास ही सिंध नदी बहती है। तो चलिए अब आप यहां किस प्रकार पहुंच सकते हैं इसके बारे में जान लेते हैं।
बस से रतनगढ़ माता मंदिर कैसे पहुंचे (Bus se Ratangarh mata mandir kaise phuche ) ?
अगर अब बस से यहां आना चाहे, तो हम आपको बता दें कि दतिया एक प्रमुख जिला होने के कारण लगभग सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्गों से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इसलिए आपको बस के माध्यम से यहां आने में किसी प्रकार की समस्या नहीं होगी।
ट्रेन से रतनगढ़ माता मंदिर कैसे पहुंचे (Train se Ratangarh mata mandir kaise phuche ) ?
अगर आप ट्रेन के माध्यम से यहां आना चाहे, तो हम आपको बता दें कि यहां का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन दतिया रेलवे स्टेशन ही है। अगर यहां से इस मंदिर की दूरी की बात की जाए, तो वह 55 किलोमीटर की है। जहां आप टैक्सी या फिर कैब बुक कर के जा सकते है।
रतनगढ़ माता मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन कौन सा है ?
दतिया रेलवे स्टेशन रतनगढ़ माता मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन है।
दतिया रेलवे स्टेशन से रतनगढ़ माता मंदिर की दूरी कितनी है ?
दतिया रेलवे स्टेशन से रतनगढ़ माता मंदिर की दूरी 55 किलोमीटर है जोकि आप बस ,ऑटो या टैक्सी से तय कर सकते है।
फ्लाइट से रतनगढ़ माता मंदिर कैसे पहुंचे (Airoplane se Ratangarh mata mandir kaise phuche ) ?
अगर आप फ्लाइट की मदद से यहां आते हैं, तो इस मंदिर का निकटतम एयरपोर्ट भी दतिया में मौजूद है। अगर इस एयरपोर्ट से मंदिर की दूरी की बात की जाए, तो दोनों के बीच लगभग 63 किलोमीटर का डिस्टेंस है। जिसे पूरा करने के लिए या तो आप यहां के लोकल बसों या फिर टैक्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं। यहां से आपको आसानी से मंदिर तक के लिए टैक्सी देखने को मिल जाएगी।
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