दुर्गापरमेश्वरी मंदिर कर्नाटक का इतिहास और कैसे पहुंचे – संपूर्ण जानकारी

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क्या आप कर्नाटक के दुर्गापरमेश्वरी मंदिर के बारे में जानते हैं। यह हिंदूओ का एक बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध मंदिर है। तो आपको एक ना एक बार यहां देवी दर्शन के लिए जरूर जाना चाहिए। तो अगर आप यहां जाने के बारे में सोच रहे हैं, तो आज  हम आपको आपके सफर के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। आज हम आपको बताएंगे कि आप अगर दुर्गापरमेश्वरी मंदिर जाना चाहते हैं, तो आप वहां किस प्रकार से और किस किस साधन से जा सकते हैं। इस आर्टिकल में आपको इस मंदिर के इतिहास के बारे में भी जानने को मिलेगा। तो चलिए बिना किसी देरी के इस आर्टिकल को शुरू करते हैं।

दुर्गापरमेश्वरी मंदिर का इतिहास  (Durga Parameshwari Temple karnataka History in Hindi)

यह मंदिर कर्नाटक के कटेल नामक जगह में स्थित है, और यह मंदिर दुर्गा जी को समर्पित है । अगर इस मंदिर के बनने के इतिहास के बारे में बात करें, तो इसके बनने की कथा बहुत ही ज्यादा रोचक और पुरानी है। तो चलिए आपको इस मंदिर के इतिहास के बारे में बताते हैं।

बहुत समय पहले की बात है उस समय एक अरुणासुर नामक एक राक्षस था, जिसे ब्रह्मा जी के द्वारा वरदान प्राप्त था कि उसे ना तो कोई दो पैरों वाला जीव मार पाएगा और ना ही चार पैर वाला जीव मार पाएगा। तो इसी वरदान का फायदा उठाकर अरुणासुर धरती पर बहुत ही ज्यादा अत्याचार करने लग गया। जिससे कि दुर्गा मां को अरुणा सुर का वध करने के धरती पर आना पड़ा था, और मान्यता है कि अरुणासूर दुर्गा मां के पीछे पड़ गया था, तो उससे बचने के लिए दुर्गा मां ने अपने आप को एक चट्टान में परिवर्तित कर लिया। तभी अरूणासुर उस पत्थर को कुचलने जि वाला था, की तभी मधुमक्खियों का झुंड आता है और उसे काटने लगता है, और उसी की वजह से ही उसकी मौत हो जाती है, और जैसा कि उसे वरदान था कि उसे दो और चार पैर वाला जीव नहीं मार पाएगा,  और मधुमक्खियां ना तो दो पैरों वाली है ना ही चार पैर वाली है। इसलिए उसका वध मधुमक्खियों के द्वारा ही हो गया। 

इस दिन सभी संत ऋषि मुनि बहुत ही ज्यादा खुश थे, और इसी दिन इन्होंने इस स्थान पर दुर्गा परमेश्वरी मंदिर का निर्माण किया था।

इस मंदिर का प्रवेश द्वार गोपुरा बहुत ही ज्यादा आकर्षित है, अगर इसकी ऊंचाई की बात की जाए तो यह लगभग 108 फीट ऊंचा है। जोकि किसी का भी ध्यान अपनी और आकर्षित कर लेता है। अगर आप इस मंदिर में जाते हैं, तो आप दुर्गा मां के नौ अलग-अलग अवतारों का दर्शन एक साथी कर सकते हैं और इसी कारण यह मंदिर बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध भी है।

 तो चलिए अब हम आपको बताते हैं कि अगर आप इस मंदिर में दर्शन करने जाते है तो आपको किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

दुर्गापरमेश्वरी मंदिर में माता के दर्शन कैसे करें (Durga Parameshwari Temple karnataka ke Darshan Kaise Kare)

अगर आप कटेल दुर्गापरमेश्वरी मंदिर में माता के दर्शन करने जा रहे हैं, तो अगर आप यहां मंदिर के समय के बारे में जानकारी लेकर जाएंगे, तो आप आसानी से माता के दर्शन कर पाएंगे। तो हम आपको आगे बताने वाले हैं इस मंदिर के खुलने और बंद होने के समय के बारे में। तो चलिए जानते हैं।

यह मंदिर सुबह भक्तों के लिए 4:00 बजे ही खुल जाता है, और अगर दोपहर में ही इस मंदिर के बंद होने की बात करें, तो यह मंदिर दोपहर के 12:30 बजे बंद हो जाता है, और यह मंदिर पुन: 3:00 बजे भक्तों के लिए खुला रहता है, और फिर यह जाकर रात के 10:00 बजे से बंद किया जाता है। 

अगर प्रसाद के रूप में भोजन की बात करें तो जब यह मंदिर दोपहर को बंद होता है यानी कि 12:30 से 3:00 के बीच में भक्तों को प्रसाद के रूप में दोपहर का भोजन भी करवाया जाता है, और अगर रात के भोजन की बात करें, तो यहां 8:30 से 10:00 के बीच रात्रि का भोजन कराया जाता है। तो अगर आप इन सभी बातों को ध्यान में रखकर वहां जाएंगे, तो आप आसानी से माता के दर्शन कर सकते है।

कटेल दुर्गा परमेश्वरी मंदिर कैसे पहुंचे (Katel Durga Prameshvari Mandir Kaise Phuche)?

बस(Bus) से कटेल दुर्गा परमेश्वरी मंदिर कैसे पहुंचे ?

अगर मैंगलोर की बात करें तो यह एक बहुत ही बड़ा शहर है। जहां जाने के लिए आपको लगभग सभी प्रमुख शहरों से बसे देखने को मिल जाएगी, जिसकी मदद से आप मंगलोर जा सकते हैं, और हो सकता है कि आपको मंगलुरू से कटेल पहुंचने के लिए भी बस देखने को मिल जाए। जिससे कि आप सीधे दुर्गा परमेश्वरी मंदिर जा सकते हैं।

ट्रेन (Train) से कटेल दुर्गा परमेश्वरी मंदिर कैसे पहुंचे ?

जैसा कि हमने आपको बताया कि यह मंदिर कटेल में स्थित है। तो अगर इस मंदिर से यानी कि कटेल के निकटतम रेलवे स्टेशन की बात की जाए, तो वह है मैंगलोर रेलवे स्टेशन। अगर मैं मैंगलोर रेलवे स्टेशन से इस मंदिर की दूरी की बात करू तो वह लगभग 28 किलोमीटर की है। जिसे पूरा करने के लिए आप टैक्सी या फिर कैब का इस्तेमाल कर सकते हैं।

फ्लाइट से कटेल दुर्गा परमेश्वरी मंदिर कैसे पहुंचे ?

अगर आप फ्लाइट के माध्यम से आ रहे हैं तो हम आपको बता दें कि मैंगलोर में ही एक इंटरनेशनल एयरपोर्ट मौजूद है, जहां से इस मंदिर की दूरी केवल 12 किलोमीटर है। तो आप सीधे फ्लाइट की मदद से मैंगलोर आ सकते हैं, जिसके बाद आप टैक्सी या फिर कैब बुक करके कटेल दुर्गा परमेश्वरी मंदिर जा सकते हैं।

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