अक्सर लोग देवी-देवताओं के मंदिरों के दर्शन करने के लिए छत्तीसगढ़ से बाहर जाते हैं। लेकिन आज हम जो आपको एक मंदिर के बारे में बताने वाले हैं, उसके दर्शन आप छत्तीसगढ़ में रहकर ही कर सकते हैं। यानी कि वह मंदिर छत्तीसगढ़ में स्थित है। तो आज हम आपको बस्तर के दंतेश्वरी मंदिर के बारे में बताने वाले हैं। आज इस आर्टिकल में हम आपको इस मंदिर के रहस्य एवं अगर आप बाहर से आ रहे हैं तो इस मंदिर तक पहुंचने के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। तो चलिए बिना किसी देरी के आज के हमारे इस आर्टिकल को शुरू करते हैं।
दंतेश्वरी मंदिर का इतिहास
दंतेश्वरी माता की कहानी
यह मंदिर हमारे छत्तीसगढ़ में बस्तर क्षेत्र में मौजूद है। यह मंदिर डंकिनी और शंखिनी दोनों नदियों के संगम के पास मौजूद है।
अगर इस मंदिर के इतिहास की बात करें, तो इस मंदिर का सबसे पहले निर्माण 14वी शताब्दी अन्नम देवी के द्वारा करवाया गया था। इस मंदिर के बनने के पीछे यानी कि अन्नम देवी द्वारा इस मंदिर को बनाने के पीछे एक पौराणिक कथा है। जिसके बारे में आज हम आपको बताने वाले हैं। तो चलिए जानते हैं।
कहा जाता है कि अन्नम देवी को दंतेश्वरी माता का वरदान मिला था, जब वह वरंगल से वापस आ रही थी, तब दंतेश्वरी माता ने उन्हें कहा कि तुम जितने दूर पैदल चलोगी, मैं तुम्हारे पीछे ऊतनी दूर तक आऊंगी, और तुम्हारा राज्य उतना ही ज्यादा विस्तार होगा। किन्तु दंतेश्वरी माता की यह शर्त थी कि अन्नम देवी को पीछे मुड़कर नहीं देखना है। नहीं तो वह आगे नहीं जाएगी, और उन्हें उसी जगह में स्थापित करना होगा। तब अन्नम देवी ने इसे स्वीकार किया और बिना थके दिन-रात कई दिनों तक चलती रही। लेकिन जब अन्नम देवी डंकिनी नदी और शंखिनी नदी के संगम के पास पहुंचती है, तब पानी में पैर डूबे होने के कारण उन्हें माता के पैरो के पायलों की आवाज नहीं आती है। जिससे कि वह सोचती है कि माता पीछे नहीं आ रही है। इससे वह पीछे मुड़ कर देख लेती हैं, लेकिन माता उनके पीछे आती रहती हैं, और वह वादा के हिसाब से आगे जाने से मना कर देती है, और जैसा कि दंतेश्वरी माता ने कहा था कि, अगर तुम पीछे मुड़कर देखोगे, तो तुम्हें मुझे वहीं स्थापित करना होगा। इसलिए अन्नम देवी ने ही 14वी शताब्दी में इस स्थान पर इस मंदिर को स्थापित किया था।
दंतेश्वरी मंदिर (Danteswari mandir) के दर्शन कैसे करें?
अगर आप भी छत्तीसगढ़ से हैं, तो आपको एक बार दंतेश्वरी मंदिर (Danteswari mandir) के दर्शन करने जरूर जाना चाहिए। तो चलिए अब हम आपको ऐसी जरूरी बातें बता देते हैं, जिसे आपको दंतेश्वरी माता के दर्शन करने से पहले जान लेना चाहिए। ताकि आपको मंदिर के दर्शन करने में किसी प्रकार की दुविधा ना हो।
अगर हम इस मंदिर के खुलने के समय की बात करें, तो यह मंदिर भक्तों के लिए सुबह 5:00 बजे ही खुल जाता है, और अगर इस मंदिर के बंद होने की बात करें तो यह मंदिर शाम को 7:00 बजे बंद हो जाता है। लेकिन अगर यहां दर्शन की बात करें तो यहां आपको सुबह 5:30 के बाद ही दर्शन करने को दिया जाएगा, और आपको 6:45 से पहले पहले ही माता के दर्शन कर लेने है।
यह सब समय किसी आयोजन त्योहारों की वजह से बदल भी सकते हैं, इसलिए यह एक निश्चित आंकड़ा नहीं है। यहां दिनभर में देवी की तीन बार आरती होती है, सुबह की आरती जो सुबह 5:00 बजे होती है, दोपहर की आरती जो कि 12:00 बजे होती है, और शाम की आरती जो कि 7:00 बजे होती है। अगर आप इन सभी चीजों का ध्यान करके वहां जाएंगे, तो आपको देवी के दर्शन में किसी प्रकार की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा।
दंतेश्वरी मंदिर बस्तर कैसे पहुंचे?
बस से दंतेश्वरी मंदिर बस्तर कैसे पहुंचे (Bus se Danteswari mandir buster kaise phuche)?
जैसा कि हमने आपको बताया कि यह मंदिर बस्तर में स्थित है, और छत्तीसगढ़ में अगर बस्तर की बात करें, तो यह लगभग सभी सड़क मार्गो से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। इसलिए आपको छत्तीसगढ़ में बस्तर के लिए नियमित बसें देखने को मिल जाएगी। जिसकी मदद से आप बस्तर पहुंचकर दंतेश्वरी मंदिर जा सकते हैं।
ट्रेन से दंतेश्वरी मंदिर बस्तर कैसे पहुंचे (Train se danteswari mandir buster kaise phuche)?
अगर आप ट्रेन से आने के बारे में सोच रहे हैं, तो हम आपको बता दें कि इस मंदिर का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन दंतेवाड़ा में ही स्थित है। आपको विशाखापट्टनम से यहां के लिए ट्रेनें देखने को मिल जाएगी। अगर आप विशाखापट्टनम से है, तो सीधे दंतेवाड़ा आकर देवी के दर्शन कर सकते हैं।
फ्लाइट से दंतेश्वरी मंदिर बस्तर कैसे पहुंचे (Airoplanetex se danteswari mandir buster kaise phuche)?
अगर आप फ्लाइट से आने के बारे में सोच रहे हैं, तो हम आपको बता दें कि रायपुर का स्वामी विवेकानंद इंटरनेशनल एयरपोर्ट यहां का सबसे निकटतम एअरपोर्ट है। यहा से आपको लगभग सभी प्रमुख शहरों से नियमित फ्लाइट देखने को मिल जाएगी। अगर इस एयरपोर्ट से यानी कि रायपुर से बस्तर के बीच की डिस्टेंस की बात की जाए, तो दोनों के बीच लगभग 300 किलोमीटर के आसपास का डिस्टेंस है।
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