क्या आप राजस्थान में स्थित बुटाटी धाम (Butati Dham) जाना चाहते हैं, या फिर जाने के बारे में सोच रहे हैं। तो आज आप बिल्कुल सही जगह आए हैं। क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको आपके सफर से जुड़ी तमाम जानकारी देने वाले हैं। आज के आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको यह पता चल जाएगा, कि आखिर आप कैसे बुटाटी धाम जा सकते हैं। आज हम आपको बुटाटी धाम (Butati Dham) जाने के लिए साधन तथा वहां पहुंचने के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। साथ ही साथ हम आपको बुटाटी धाम के इतिहास के बारे में भी बताने वाले हैं। तो ये सभी चीजे जानने के लिए इस आर्टिकल में आखिरी तक बने रहे। तो चलिए बिना किसी देरी के शुरू करते है।
बुटाटी धाम कहाँ है ? | भारत, राजस्थान में |
निकटतम रेलवे स्टेशन | रेन रेलवे स्टेशन |
बुटाटी धाम (Butati Dham) से रेन रेलवे स्टेशन की दूरी कितनी है ? | लगभग 18 किलोमीटर |
निकटतम एयरपोर्ट ? | जयपुर का सांगानीर इंटरनेशनल एयरपोर्ट |
रेन रेलवे स्टेशन की बुटाटी धाम की दूरी ? | लगभग 18 किलोमीटर |
बुटाटी धाम का इतिहास
बुटाटी धाम हमारे भारत के राजस्थान राज्य में कुचेरा कस्बा के पास स्थित है। बुटाटी धाम राजस्थान में नागौर और अजमेर मार्ग में नागौर से लगभग 52 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। इसे बुटाटी धाम के अलावा चतुरदास जी महाराज के मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। कहा जाता है कि यहां पर चतुरदास जी महाराज जी ने समाधि ली थी। चलिए आपको इस मंदिर के इतिहास के बारे में कुछ जानकारी देते हैं।
यह मंदिर के बनने के पीछे
अगर इस मंदिर के बनने के पीछे की बात की जाए, तो यह मंदिर के बनने के पीछे वैसे तो कोई पौराणिक कथा नहीं है। लेकिन यह बात 500 साल पुरानी है, जब यहां पर चतुरदास जी महाराज रहा करते थे। चतुरदास जी चारण कुल में जन्मे थे, और वह बहुत ही ज्यादा ज्ञानी थे और उन्हें बहुत ही ज्यादा सिद्धियों की प्राप्ति थी। कहा जाता है कि वह अपने इन्हीं सिद्धियों की मदद से लोगो के लकवा के रोग का इलाज किया करते थे। बुटाटी धाम की बात की जाए तो आज भी यहां चतुरदास जी महाराज जी की समाधि मौजूद है, जिसमें कि लकवा के मरीज आकर सात बार फेरी लेते हैं और मान्यता है कि उनसे उनका रोग ठीक हो जाता है। अगर इस मंदिर के विशेष समय की बात करें, तो एकादशी और द्वादशी के दिन देशभर से लोग यहां दर्शन करने तथा मरीज यहां अपने रोग का इलाज करवाने हेतु बहुत ही भारी संख्या मे आते हैं, और यहां इनके समाधि पर सात फेरे लेते हैं।
अगर मेलों के समय की बात की जाए
यहां मेलों का भी आयोजन किया जाता है। अगर मेलों के समय की बात की जाए तो यहां हर माह के शुक्ल पक्ष की द्वादशी तिथि को मेलों का आयोजन किया जाता है, और यहां बाकी महीने जैसे की वैशाख, मांग, भादो इन महिनो में भी यहां विशेष प्रकार के मेले का आयोजन किया जाता है तो अगर आपको मेले और आयोजन पसंद है, तो आप इस समय यहां आकर इस मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। इस समय यहां का नजारा देखने लायक होता है।
बुटाटी धाम कैसे पहुंचे ?
जैसा कि हमने आपको बताया कि बुटाटी धाम (Butati Dham) हमारे भारत के राज्य राजस्थान में नागौर से लगभग 50 से 52 किलोमीटर दूर स्थित है। तो चलिए हम जान लेते हैं कि आप वहां कैसे और किस किस साधन से पहुंच सकते हैं।
बस से बुटाटी धाम कैसे पहुंचे ?
अगर आप बस से बुटाटी धाम (Butati Dham) जाने के बारे में सोच रहे हैं, तो हम आपको बता दें कि आपको लगभग सभी प्रमुख शहरों से यहां के लिए बसें देखने को मिल जाएगी। क्योंकि यह स्थान लगभग सभी शहरों के सड़क मार्गो से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है, और यह मंदिर बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध भी है। इसलिए आपको यहां बस से आने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी।
ट्रेन से बुटाटी धाम कैसे पहुंचे ?
क्या आप अपने शहर या किसी अन्य शहर से यात्रा करते हुए ट्रेन से आने के बारे में सोच रहे हैं। तो हम आपको बता दें कि बुटाटी धाम का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन रेन रेलवे स्टेशन है, जहां से इस मंदिर की दूरी की बात की जाए तो वह 18 किलोमीटर की है। जिसे आप बस, टैक्सी या फिर कैब की मदद से पूरा कर सकते हैं।
बुटाटी धाम (Butati Dham) का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन कौन सा रेलवे स्टेशन है ?
बुटाटी धाम का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन रेन रेलवे स्टेशन है जोकि बुटाटी धाम से लगभग 18 किलोमीटर पर है।
बुटाटी धाम (Butati Dham) से रेन रेलवे स्टेशन की दूरी कितनी है ?
बुटाटी धाम से रेन रेलवे स्टेशन की दूरी लगभग 18 किलोमीटर है जोकि आप बस ,टैक्सी या ऑटो से तय कर सकते है
फ्लाइट से बुटाटी धाम कैसे पहुंचे ?
अगर आप अपनी यात्रा को जल्दी पूरा करने के लिए फ्लाइट की मदद से आना चाहते हैं। तो इसके लिए आपको थोड़ा लंबा सफर करना पड़ सकता है। क्योंकि अगर इस मंदिर का सबसे निकटतम एयरपोर्ट की बात की जाए, तो वह जयपुर का सांगानीर इंटरनेशनल एयरपोर्ट है। तो आपको लगभग सभी प्रमुख शहरों से जयपुर के लिए फ्लाइट देखने को भी मिल जाएगी। अगर बात करें इस एयरपोर्ट से मंदिर के बीच की दूरी की, तो वह लगभग 236 किलोमीटर का है। इसलिए आपको थोड़ा लंबा सफर करना पड़ सकता है। लेकिन आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है आपको जयपुर से बुटाटी धाम जाने के लिए बसें या फिर टैक्सी आसानी से मिल जाएगी।
- वैष्णो देवी में भैरव बाबा के दर्शन कैसे करे? वैष्णो देवी से भैरव बाबा की दूरी
- करणी माता मंदिर का इतिहास और कैसे पहुंचे -संपूर्ण जानकारी
- नैना देवी मंदिर नैनीताल कैसे पहुंचे ? बस, रेल और हवाईजहाज़ से | नैना देवी मंदिर का इतिहास
- देवीपाटन मन्दिर का इतिहास और कैसे पहुंचे – संपूर्ण जानकारी
- कनक दुर्गा मंदिर विजयवाड़ा का इतिहास और कैसे पहुंचे – संपूर्ण जानकारी
- दुर्गापरमेश्वरी मंदिर कर्नाटक का इतिहास और कैसे पहुंचे – संपूर्ण जानकारी
- दुर्गा मंदिर वाराणसी का इतिहास और कैसे पहुंचे – संपूर्ण जानकारी
- बिराजा मंदिर का इतिहास और कैसे पहुंचे – संपूर्ण जानकारी
- दंतेश्वरी माता मंदिर का इतिहास और कैसे पहुंचे – संपूर्ण जानकारी
- रतनगढ़ माता मंदिर का इतिहास और कैसे पहुंचे – संपूर्ण जानकारी
- मां ज्वाला जी मंदिर कैसे पहुंचे Train से, Bus से, Airoplane से | इतिहास और कैसे पहुंचे -संपूर्ण जानकारी
- दक्षिणेश्वरी काली माता मंदिर का इतिहास और कैसे पहुंचे – संपूर्ण जानकारी
- अंबा माता मंदिर जूनागढ़ गुजरात का इतिहास और कैसे पहुंचे -संपूर्ण जानकारी
- कामाख्या देवी मंदिर का इतिहास और कैसे जाये – संपूर्ण जानकारी
- चामुंडेश्वरी मंदिर मैसूर का इतिहास और कैसे पहुंचे -संपूर्ण जानकारी
- बनशंकरी मंदिर का इतिहास और कैसे पहुंचे – संपूर्ण जानकारी
- मनसा देवी मंदिर कैसे पहुंचे By Train, Bus, Airoplane & इतिहास- संपूर्ण जानकारी
- वैष्णो देवी मंदिर कैसे पहुंचे Train, Airoplane, Bus से – संपूर्ण जानकारी
Sue.batra@yahoo.com