क्या आप कर्नाटक में स्थित बनशंकरी मंदिर (Banshankari Devi Mandir) जाना चाहते हैं, यह एक बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध मंदिर है। अगर बात करे यहां जाने की तो आपको इस आर्टिकल में इस मंदिर जाने के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी आज हम आपको इस आर्टिकल में बताएंगे कि आप किस प्रकार और किस किस साधन से यहां पहुंच सकते हैं, और कैसे यहां देवी मां के दर्शन कर सकते हैं। साथ ही साथ इस आर्टिकल में हम आपको इस मंदिर के इतिहास के बारे में भी बताने वाले हैं। तो चले बिना किसी देरी के इस आर्टिकल में आगे बढ़ते हैं।
बनशंकरी मंदिर का इतिहास
बनशंकरी मंदिर (Banshankari Devi Mandir) हमारे भारत के राज्य कर्नाटक में बागलकोट जिले के अंतर्गत बदामी नामक स्थान में स्थित है। लेकिन यह बदामी से भी लगभग 5 किलोमीटर दूर स्थित है जिसका नाम चोल्चागुड्डा है। लेकीन इसे इसे बनशंकरी मंदिर बादामी के नाम से जाना जाता है। यहां मुख्य देवी के रूप में बनशंकरी देवी (Banshankari Devi Mandir) मौजूद है जो कि पार्वती जी का ही एक अवतार है। तो चलिए जानते हैं कि इस मंदिर का निर्माण कब और किसके द्वारा किया गया था। यानी कि इसके इतिहास के बारे में।
वैसे तो सबसे पहले इस मूल मंदिर का निर्माण बादामी चालुक्य राजाओं द्वारा किया गया था। जो कि बनशंकरी देवी को अपनी संरक्षक देवी के रूप में पूजते थे, और उनकी अराधना करते थे। लेकिन बाद में इस मंदिर का पुनर्निर्माण किया गया। जो कि इस मंदिर का आज वर्तमान रूप है। इसका निर्माण सन 1750 में एक मराठा सरदार ने किया था, जिसका नाम परशुराम अगले था। इन्होंने ही इस मंदिर का पुनर्निर्माण किया था। यहां हर वर्ष जनवरी एवं फरवरी के महीने में इस मंदिर का प्रमुख उत्सव मनाया जाता है, जिसे यहां के लोग बनशंकरी जात्रे के नाम से जानते हैं। इस दिन आपको यहा कई प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम देखने को मिलते हैं। साथ ही साथ इसमें और कई कार्यक्रम जैसे कि नाव उत्सव, और राथ यात्रा भी देखने को मिलती है। रथयात्रा में देवी के प्रतिमा को रथ में बैठाकर पूरे शहर में घुमाया जाता है, जिसका नजारा देखने लायक रहता है। अगर आपको ऐसे उत्सव में शामिल होना है, तो आप समय का पता करके जनवरी या फरवरी माह में इस मंदिर के दर्शन करने आ सकते हैं।
मंदिर में देवी दर्शन का समय
अगर आप इस मंदिर के खुलने और बंद होने के समय को ध्यान में रखकर यहां जाएंगे, तो आप आसानी से और जल्दी ही देवी मां के दर्शन कर सकते हैं। हम इसके लिए आपको बता दें कि, इस मंदिर के खुलने का समय सुबह 6:00 बजे है, और इसे दोपहर के 1:00 बजे बंद कर दिया जाता है। उसके बाद यह मंदिर फिर से 3:00 बजे खोला जाता है, और फिर इसे रात को 9:00 बजे बंद कर दिया जाता है।
तो अगर आप सुबह आना चाहते हैं, तो आप 6:00 से 1:00 के बीच में आ सकते हैं, और अगर आप शाम को दर्शन करना चाहे, तो आप साम के 3:00 से 9:00 के बीच कभी भी आकर देवी मां के दर्शन कर सकते हैं।
बनशंकरी मंदिर कैसे पहुचे ?
बस से बनशंकरी मंदिर कैसे पहुचे ?
जैसा कि हमने आपको बताया, कि यह मंदिर बागलकोट में बदामी के पास स्थित है, और हम आपको बता दें कि बाबागलकोट लगभग सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इसलिए आपको यहां के लिए नियमित बसें देखने को मिल जाएगी जिसकी मदद से आप यहां पहुंच सकते हैं।
ट्रेन से बनशंकरी मंदिर कैसे पहुचे ?
अगर आप ट्रेन के माध्यम से आना चाहे, तो हम आपको बता दें कि इस मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन बदामी में ही मौजूद है। अगर इस रेलवे स्टेशन से इस मंदिर के बीच की दूरी की बात की जाए, तो दोनों के बीच लगभग 10 किलोमीटर का डिस्टेंस है। जिसे पूरा करने के लिए आपको आसानी से टैक्सी या फिर कैब्स देखने को मिल जाएंगे।
फ्लाइट से बनशंकरी मंदिर कैसे पहुचे ?
अगर आप यहां फ्लाइट से आने के बारे में सोच रहे हैं, तो हम आपको बता दें कि यहां का सबसे निकटतम एयरपोर्ट हुबली एयरपोर्ट है। जहां से इस मंदिर की दूरी मात्र 5 से 6 किलोमीटर है। जहां जाने के लिए आप टैक्सी या फिर कैप का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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