सियाराम बाबा (Siyaram Baba)तक कैसे पहुंचे By Train, Bus, Airoplane?

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दोस्तों शुरुआत से ही हमारा भारत देश साधु संतों का देश रहा है, यहां ऐसे कई साधु संत आए हैं जिन्होंने अपने चमत्कार अपने तप एवं अपनी साधना की वजह से लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया है, और उन्होंने लाखों करोड़ों लोगों का कल्याण किया है।

दोस्तों साधु संत तो आपको आपके घर गांव या शहर के आसपास भी देखने को मिल जाते होंगे, जो कि हमेशा भगवान की साधना में लीन रहते होंगे। लेकिन दोस्तों आज के इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसे बाबा के बारे में बताने वाले हैं, जो कि अपने आप को हनुमान जी का भक्त कहते हैं, और जिनके दर्शन के लिए देशभर से तो लोग उनके पास जाते ही हैं, यहां तक की विदेश से भी लोग इनके दर्शन मात्र के लिए उनके पास पहुंचते हैं।

दोस्तों हम और कोई नहीं बल्कि सियाराम बाबा की ही बात कर रहे है, आपने इनका नाम कभी ना कभी तो सुना ही होगा। तो आखिर कौन है सियाराम बाबा? और क्यों विदेश तक से लोग इनके दर्शन के लिए भारत आ रहे हैं चलिए जानते हैं आज के इस आर्टिकल के माध्यम से।

सियाराम बाबा कौन है (Siyaram Baba Kon Hai)?

तो दोस्तों अगर बात करें कि आखिर सियाराम बाबा कौन है, तो हम आपको बता दें कि सियाराम बाबा हमारे भारत के मध्य प्रदेश राज्य के रहने वाले हैं। वहां इनका एक आश्रम है, जो कि मध्य प्रदेश के खरगोन जिले मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर, नर्मदा नदी के तट पर भटियां गांव में मौजूद है। दोस्तों अगर बात करें सियाराम बाबा के उम्र की, तो सियाराम बाबा की उम्र 100 साल से भी अधिक हो चुकी है, कहा जाता है कि वह आज के समय में 109 वर्ष के हैं, और आज भी बिना किसी परेशानी के भगवान की कृपा से अपना जीवन यापन कर रहे हैं। 

दोस्तों अगर बात करें सियाराम बाबा के जन्म की, तो इनका जन्म मुंबई में हुआ था, कहा जाता है कि आठवीं कक्षा में ही इन्होंने अपने घर को त्याग दिया था, और तप करने के लिए हिमालय की चोटियों पर चले गए थे। दोस्तों हम आपको बता दें कि सियाराम बाबा हनुमान जी के परम भक्त हैं, जो की दिन में 21 घंटे श्री रामचरितमानस का पाठ करते हैं। दोस्तों इसे कोई चमत्कार कहें या फिर कुछ और, लेकिन हम आपको बता दें कि सियाराम बाबा 109 वर्ष के होने के बावजूद भी बिना चश्मा लगाए हुए दिन में 21 घंटे श्री रामचरितमानस का पाठ करके भगवान की भक्ति में लीन रहते हैं।

यही कारण है कि उनके दर्शन तथा इनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए देशभर से लाखों की संख्या में लोग मध्य प्रदेश जाते हैं। यहां तक की विदेश के लोग भी बाबा का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनके पास पहुंचते हैं। तो चलिए इस आर्टिकल में आगे बढ़ते हैं और आपको सियाराम बाबा के बारे में और अधिक जानकारी देते हैं।

सियाराम बाबा नहीं लेते 10 रुपए से अधिक का दान

दोस्तों हम आपको बता दें कि सियाराम बाबा दान लेकर ही अपना जीवन यापन करते हैं, लेकिन सियाराम बाबा की सबसे खास बात यह है, कि वह किसी भी व्यक्ति से 10 रुपए से अधिक की दान राशि नहीं लेते हैं, अगर कोई उन्हें 10 रुपए से अधिक राशि देता है तो वह सिर्फ 10 रुपए रखकर ही बाकी की राशि उस व्यक्ति को वापस लौटा देते हैं। इतना ही नहीं, इसके अलावा सियाराम बाबा जनकल्याण के लिए भी करोड़ों रुपए दान करते हैं, कहा जाता है कि इन्होंने नर्मदा घाट की मरम्मत तथा लोगों को बारिश से बचाने के लिए 2 करोड़ से भी ज्यादा की राशि दान में दी थी, इससे आप अंदाजा लगा ही सकते हैं कि यह कितने ज्यादा दयालू है।

सियाराम बाबा 10 वर्षों तक किया खड़ेश्वर तक

दोस्तों हम आपको बता दें कि सियाराम बाबा ने लगातार 10 वर्षों तक खड़ेश्वर तप किया है, अगर आपको खड़ेश्वर तप के बारे में नहीं पता, तो मैं आपको बता दूं कि इसमें सभी कार्यों को चाहे वह विश्राम करना हो, या सोना हो, वह सारे काम खड़े होकर ही करने होते हैं। तो अब आपको अंदाज़ हो ही गया होगा कि यह तप कितना ज्यादा कठिन होता है। सियाराम बाबा ने हमें यह भी बताया था कि जब वह यह खड़ेश्वर तप कर रहे थे, तब नर्मदा नदी पर बढ़ भी आया था, जिससे की नर्मदा का पानी उनके नाभि तक पहुंच गया था, लेकिन फिर भी उन्होंने अपने तपस्या को जारी रखकर इस तप को पूरा किया था।

कड़ाके की ठंड में भी धारण करते हैं सिर्फ एक लंगोट

दोस्तों जहां भारी ठंडी की वजह से हमें कई सारे कपड़े पहनने पड़ते हैं, वहीं अगर बात करें सियाराम बाबा की, तो चाहे कड़ाके की गर्मी हो या कड़ाके की सर्द हो, वह हमेशा आपको सिर्फ एक लंगोट में ही नजर आएंगे। उन्होंने अपनी कड़ी साधना और तपस्या से अपने शरीर को सभी प्रकार के मौसमों के अनुकूल बना लिया है, जिससे कि वह सिर्फ एक लंगोट में ही कड़ाके की ठंडी को भी झेल सकते हैं। यह सब शायद उनकी भक्ति का ही चमत्कार है जो यह सब काम वो कर पाते हैं। 

12 वर्ष का किया था मौन धारण

दोस्तों कहां जाता है कि बाबा ने अपने जीवन में एक बार लगातार 12 वर्षों तक मौन धारण किया हुआ था, इतना ही नहीं, कहा जाता है कि जब 12 वर्षों के बाद उन्होंने अपना मौन धारण तोड़ा, तब उन्होंने अपने मुंह से सबसे पहला शब्द सियाराम कहा था, तभी से गांव वालों ने इनका नाम सियाराम रख दिया है, और आज हम सभी इन्हें सियाराम बाबा कहकर पुकारते हैं।

तो दोस्तों यह थी सियाराम बाबा की कुछ चमत्कारी घटनाएं, जिसकी वजह से लोग इन्हें बहुत ही ज्यादा मानते हैं और इनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उनके पास पहुंचते हैं। तो अगर आप भी सियाराम बाबा से मिलकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो चलिए जानते हैं कि आखिर आप सियाराम बाबा तक  कैसे पहुंच सकते हैं।

सियाराम बाबा तक कैसे पहुंचे (Siyaram baba tak kaise phuche)?

तो दोस्तों अगर आप भी सियाराम बाबा से मिलकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते हैं, तो हम आपको बता दें कि इसके लिए आपको मध्य प्रदेश जाकर उनके आश्रम में जाना होगा जिसके बारे में हम आपको यह पहले ही बता चुके हैं, कि उनका आश्रम मध्य प्रदेश राज्य के खरगोन जिले मुख्यालय से 65 किलोमीटर दूर, नर्मदा नदी के तट पर भटियां गांव में है। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और हम आपको बताते हैं कि अगर आपको यहां पहुंचना है तो आप बस ट्रेन और फ्लाइट के माध्यम से यहां किस प्रकार से पहुंच सकते हैं।

बस से सियाराम बाबा के पास कैसे पहुंचे (Siyaram baba ke pass bus se kaise phuche)?

तो दोस्तों अगर आप किसी दूसरे राज्य से आ रहे हैं, और आप मध्य प्रदेश राज्य बस से सफर करके आना चाहते हैं, तो हम आपको बता दें कि आज के समय में मध्य प्रदेश की यातायात की स्थिति बहुत ही ज्यादा अच्छी हो चुकी है, यहां आपको सड़क मार्ग से आने में किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होगी, क्योंकि मध्य प्रदेश अन्य राज्य एवं अन्य बड़े-बड़े शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। बात करें खरगोन जिले की, तो खरगोन जिला सड़क मार्ग से मुंबई, दिल्ली, इंदौर, आगरा, इन सभी बड़े-बड़े शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, तो आप आसानी से यहां बस से आकर सियाराम बाबा के दर्शन के लिए जा सकते हैं।

ट्रेन से सियाराम बाबा के पास कैसे पहुंचे ?

दोस्तों अगर आप ट्रेन से सफर करके सियाराम बाबा के दर्शन करना चाहते हैं, तो हम आपको बता दे की खरगोन जिले का निकटतम रेलवे स्टेशन खंडवा जंक्शन है, जो की खरगोन जिले से 87 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अलावा आप चाहे तो इंदौर जंक्शन में भी आ सकते हैं जो की खरगोन जिले से 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, तो आपको अपने शहर से जिस भी रेलवे स्टेशन के लिए ट्रेन मिले, आप उस रेलवे स्टेशन जाकर आगे का सफर बस या फिर टैक्सी से करके बाबा के आश्रम तक पहुंच सकते हैं।

Flight se सियाराम बाबा के पास कैसे पहुंचे ?

दोस्तों अगर आप फ्लाइट यानी की एयरप्लेन के माध्यम से मध्य प्रदेश जाकर सियाराम बाबा के दर्शन प्राप्त करना चाहते हैं, तो हम आपको बता दें कि खरगोन जिले के पास में ही एक एयरपोर्ट मौजूद है, जिसका नाम देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट है। यह रिपोर्ट खरगोन जिले से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। तो अगर आपको आपके शहर से देवी अहिल्याबाई होलकर एयरपोर्ट के लिए कोई फ्लाइट मिलती है, तो आप आसानी से फ्लाइट के माध्यम से यहां आकर बस या फिर टैक्सी की मदद से खरगोन जिला जाकर उसके बाद भट्यान गांव जाकर बाबा के दर्शन कर सकते हैं।

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