तो दोस्तों स्वागत है आपका आज के हमारे एक और नए आर्टिकल में, आज के इस आर्टिकल में हम आपको कुरुक्षेत्र के 16 टूरिस्ट प्लेस के बारे में बताने वाले हैं। अगर आपको कुरुक्षेत्र के बारे में नहीं पता है, तो उसके बारे में भी आपको इसी आर्टिकल में पता चल जाएगा। यानी कि हम इस आर्टिकल में आपको उन 16 टूरिस्ट प्लेस के बारे में तो बताएंगे ही, साथ ही हम आपको कुरुक्षेत्र के बारे में भी थोड़ी जानकारी देंगे। तो चलिए इस आर्टिकल में आगे बढ़ते हैं और शुरू करते हैं।
कुरुक्षेत्र कहा है (Kurukshetra Kha Hai)?
अगर बात करें कुरुक्षेत्र कहां स्थित है, तो हम आपको बता दें कि यह हमारे भारत के हरियाणा में स्थित है, और यह एक तीर्थ स्थल के रूप में आज मौजूद है। अगर इसकी इतिहास की बात करें, तो हम आपको बता दें कि यह वही स्थान है जहां महाभारत का युद्ध लड़ा गया था, और यह वही स्थान है जहां श्री कृष्ण जी ने अर्जुन को युद्ध के लिए मार्गदर्शन दिया था। तो इस बात से आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कुरुक्षेत्र की यह भूमि कितनी ज्यादा पवित्र है, क्योंकि इसी क्षेत्र पर श्री कृष्ण जी ने पांडवों की तरफ से महाभारत का युद्ध लड़ा था। कुरुक्षेत्र को कुरुक्षेत्र के अलावा और कई नाम से जाना जाता है, जैसे कि ब्रह्मा की भूमि और धर्म क्षेत्र।
तो चलिए अभी इस आर्टिकल में आगे बढ़ते हैं, और आपको कुरुक्षेत्र के टूरिस्ट प्लेस के बारे में बताते हैं, जहां की आप कुरुक्षेत्र जाने पर जा सकते हैं।
1: ब्रह्म सरोवर (Brahma Sarovar Kurukshetra)
तो दोस्तों अगर आप घूमने के लिए कुरुक्षेत्र गए हुए हैं तो आपको कुरुक्षेत्र में स्थित ब्रह्म सरोवर एक न एक बार जरूर जाना चाहिए। क्योंकि यह यहां का एक बहुत ही अच्छा टूरिस्ट प्लेस है, जहां देश भर से लोग आते हैं। अगर इसके इतिहास की बात करें तो यह भी महाभारत के समय से ही संबंधित है। कहा जाता है कि महाभारत काल के समय कई सैनिकों ने यहां स्नान किया है। इतना ही नहीं यह झील जहां पर स्थित है, उसके चारों ओर मंदिर ही मंदिर है, और जो भी व्यक्ति यहां आकर उन मंदिरों में प्रवेश करता है, वह मंदिर में प्रवेश करने से पहले एक बार उस जेल में स्नान जरूर करता है
2: ज्योतिसर (Jyotisar Kurukshetra)
अगर आप कुरुक्षेत्र गए हुए हैं, तो आप अगर ज्योसर ना जाए तो आपके कुरुक्षेत्र जाने का कोई भी अर्थ नहीं निकलेगा। क्योंकि ज्योतिसर ही एकमात्र ऐसा प्रमाण है, जो आपको यह बताता है कि महाभारत के समय स्वयं श्री कृष्ण जी ने अर्जुन का मार्गदर्शन किया था। ज्योतिसर कुरुक्षेत्र से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और अगर बात करें उस प्रमाण की तो यहां स्थित बरगद का पेड़ यह प्रमाण देता है कि श्री कृष्ण जी ने महाभारत के समय युद्ध हेतु अर्जुन का मार्गदर्शन किया था, जिसे की आज हम गीता ग्रंथ के रूप में पढ़ते हैं।
3: सरस्वती तीर्थ
अगर बात करें सरस्वती तीर्थ की तो यह एक टैंक है जो की वैदिक काल के दौरान एक पुरानी नदी के तट पर बनाया गया था, इसलिए इसका महत्व आज के समय में बहुत ही ज्यादा है, जिसके दर्शन के लिए लाखों की संख्या में लोग यहां आते हैं। सरस्वती तीर्थ सरस्वती नदी के दक्षिण में स्थित है। इतना ही नहीं जब श्राद्ध का समय होता है तब यहां बहुत ही ज्यादा जनसंख्या में लोग आते हैं, जिसका नजारा देखने लायक होता है। मार्च और अप्रैल में यहां चैत्र चौदस का मेला भी लगाया जाता है, जिसमें भी लाखों की संख्या में लोग यहां मौजूद होते हैं, और लाखों की संख्या में लोग इस टैंक पर डुबकी लगाते हैं, तो अगर आप चाहे तो यहां भी आकर इस जगह की सुंदरता को देख सकते हैं।
4: भोर सैदान
अगर बात करें भोर सैदान की तो यह कुरुक्षेत्र जिले के पोहवा ब्लॉक में स्थित एक छोटा सा गांव है। अगर बात करें इस गांव के बारे में तो हम आपको बता दें कि यह वही स्थान है जहां राजा कोमदाता के पुत्र भूरीराव ने धोखे से अर्जुन का वध किया था। इसलिए यह स्थान बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है। तो अगर आप इतिहास में रुचि रखते हैं, और आपको ऐसी जगह जाना पसंद है तो यहां आकर आप स्थान पर आ सकते हैं।
5: नूर महल
अगर आप कुरुक्षेत्र आए हुए हैं और कहीं घूमने जाना चाहते हैं, तो आप नूर महल जा सकते हैं। असल में नूर महल एक लाल सफेद रंग की चमकीली फाइव स्टार लग्जरी होटल है, जोकी बहुत सारे पेड़ों के बीच में स्थित है, और यह कुरुक्षेत्र से 40 मिनट की ड्राइव की दूरी पर स्थित है। नूर महल की सुंदरता किसी भी व्यक्ति का ध्यान अपनी ओर आसानी से आकर्षित कर सकती है, अगर आप नूर महल में प्रवेश करेंगे तो इसकी शांति और सुंदरता आपका मन मोह लेगी। क्योंकि इस महल यानी कि इस होटल के चारों ओर वनस्पतियां ही वनस्पतियां हैं।
6: छिलछिला वन्य जीव अभ्यारण
तो दोस्तों अगर आप छिलछिला वन्य जीव अभ्यारण जाना चाहते हैं, तो हम आपको बता दें कि कुरुक्षेत्र सिलसिला वन्य जीव अभ्यारण विश्वविद्यालय के समीप में ही स्थित है। सन 1968 में इसे एक पक्षी अभयारण्य के रूप में स्थापित किया गया था, अगर आप यहां अभी जाएंगे तो यहां आपको प्रवासी के साथ-साथ स्थानीय मिलकर 57 प्रकार के पक्षियों की प्रजातियां देखने को मिल जाएगी। तो अगर आपको प्रकृति से प्यार है, तो आप एक बार इस जगह भी घूम कर आ सकते हैं।
7: लक्ष्मी नारायण मंदिर
यह भी कुरुक्षेत्र का एक बहुत ही अच्छा और महत्वपूर्ण टूरिस्ट प्लेस है। यह मंदिर 18वीं शताब्दी में चोलवंश के शासन के दौरान स्थापित किया गया था। यह मंदिर भगवान नारायण और लक्ष्मी जी को समर्पित है। इस मंदिर की सबसे खास बात यह है, कि यहां जो भी व्यक्ति आता है वह इस मंदिर के 7 बार फेरे लेता है, इतना ही नहीं कहा जाता है कि जो भी व्यक्ति इस मंदिर के 7 बात चक्कर लगाता है उसे दोबारा चार धाम की यात्रा करने की जरूरत नहीं होती है।
8: भद्रकाली मंदिर
अगर बात करें महाभारत के समय की तो भद्रकाली मंदिर भी महाभारत के समय से जुड़ा हुआ है। हम ऐसा कह सकते हैं कि यह मंदिर पांडवों से संबंधित है। क्योंकि ऐसा मानना है कि जब कौरवों और पांडवों के बीच अंतिम लड़ाई हुई थी, उस लड़ाई से पहले पांडवों ने इस मंदिर में आकर प्रार्थना की थी। यह मंदिर काली माता को समर्पित है, और लाखों की संख्या में लोग यहां दर्शन के लिए आते हैं। कहा जाता है कि जो व्यक्ति यहां अपनी मनोकामना माता को बताता है, वह जरूर पूरी होती है। तो अगर आप चाहे तो यहां आकर आप भी अपनी मनोकामना पूर्ण कर सकते हैं।
9: ओपी जिंदल पार्क
अगर आप पार्क में जाने के शौकीन है, तो आपको कुरुक्षेत्र में स्थित ओपी जिंदल पार्क जरूर जाना चाहिए। अगर बात करें ओपी जिंदल पार्क की तो हम आपको बता दें कि इसका निर्माण सन 2005 में किया गया था। इस पार्क में उत्तर भारत का सबसे बड़ा म्यूजिकल फाउंटेन स्थित है। इतना ही नहीं इस पार्क में आपको ओपी जिंदल की 4 फुट की प्रतिमा देखने को भी मिल जाएगी। यहां आपको अपने मनोरंजन के कई सारे साधन देखने को मिल जाएंगे, यहां बच्चों के लिए अलग से खेलने का एक हिस्सा, झूले आदि मौजूद हैं। तो यहां आकर आप अपना अच्छा खासा समय बिताकर मनोरंजन कर सकते हैं एम
10: श्री स्थानेश्वर महादेव
महादेव का यह मंदिर कुरुक्षेत्र के सबसे पवित्र स्थान थानेसर में स्थित है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इतना ही नहीं यह मंदिर भी पांडवों के समय से ही यहां स्थित है। कहा जाता है कि पांडव ने इस मंदिर में शिव जी से प्रार्थना करने के बाद ही कौरवो पर विजय प्राप्त की थी। कहा जाता है कि इस मंदिर के परिसर में एक सरोवर है, जहां स्नान करने से सभी रोग समाप्त हो जाते हैं, और इसलिए देश भर से लाखों की संख्या में लोग यहां आकर इस सरोवर में स्नान करते हैं। तो अगर आप चाहे तो यहां आकर इस सरोवर में स्नान करके पवित्र होकर स्वस्थ हो सकते हैं।
11: पैनोरमा और विज्ञान केंद्र
अगर आपको विज्ञान में रुचि है तो आपको कुरुक्षेत्र में स्थित पैनोरमा और विज्ञान केंद्र जरूर जाना चाहिए। क्योंकि यह वहां का एक महत्वपूर्ण आकर्षण केंद्र है। यहां आपको विज्ञान से संबंधित कई प्रकार की वस्तुएं देखने को मिल जाएगी, खासकर अगर आप एक छात्र हैं और अभी पढ़ रहे हैं, और विज्ञान के क्षेत्र में अपना कैरियर बनाना चाहते हैं। तब तो आपको एक न एक बार यहां जरूर जाना चाहिए। पैनोरमा और विज्ञान केंद्र में देशभर से लाखों की संख्या में वैज्ञानिक और छात्र यहां आते हैं, और यहां विज्ञान से संबंधित चीजों को देखते है।
12: कल्पना चावला स्मारक तारामंडल
अगर आपकी विज्ञान में रुचि है, तो आपको कल्पना चावला के बारे में तो पता ही होगा। तो हम आपको बता दें कि कुरुक्षेत्र के अंतर्गत कल्पना चावला स्मारक तारामंडल स्थित है, जो उनकी ही याद में बनवाया गया है, और यह तारामंडल आज तक भारत के द्वारा अध्ययन किए गए खगोल विज्ञान पर आधारित है। यहां जाने पर आपको विज्ञान से संबंधित कई प्रकार के प्रदर्शन और लघु वीडियो देखने को मिल जाएंगे, जो आपको विज्ञान में रुचि बढ़ाने में मदद करेंगे। साथ ही साथ इससे आपकी जानकारी में भी वृद्धि होगी।
13: सन्निहित सरोवर
अगर आप कुरुक्षेत्र गए हुए हैं, तो आपको एक न एक बार सन्निहित सरोवर जरूर जाना चाहिए, जिसकी चौड़ाई 550 फीट और ऊंचाई लगभग 1500 फिट है। यह मंदिर सरस्वती नदी के 7 सहायक नदियों में से एक है इतना ही नहीं यह भगवान विष्णु के घर का मिलन बिंदु है। अपने अश्वमेध यज्ञ के बारे में तो सुना ही होगा, कहा जाता है कि जो व्यक्ति इस सरोवर में स्नान करता है उसे अश्वमेध यज्ञ के जितना ही सौभाग्य प्राप्त होता है। तो अगर आप चाहे तो इस सर्वर में जाकर स्नान कर सकते हैं।
14: शेखचिल्ली का मकबरा
अगर आप इतिहास में रुचि रखते हैं, तब तो आपको कुरुक्षेत्र में स्थित शेखचिल्ली के मकबरे के दर्शन जरूर करने चाहिए। शेखचिल्ली के मकबरे तीन नक्काशी इतनी सुंदर तरीके से की गई है कि यह किसी का भी ध्यान अपनी ओर आसानी से आकर्षित कर सकता है। इतना ही नहीं जो भी व्यक्ति कुरुक्षेत्र घूमने के लिए आता है, उसे एक न एक बार शेखचिल्ली के मकबरे में जाकर शेखचिल्ली की कब्र को जरुर देखना चाहिए। क्योंकि यह एक बहुत ही प्राचीन मकबरा है, जिसका की पुनर्निर्माण करवाया गया है, लेकिन वर्तमान में भी इसकी सुंदरता कायम है।
15: राजा हर्षवर्धन का टीला
सातवीं शताब्दी के दौरान राजा हर्षवर्धन ने हमारे भारत देश पर शासन किया था, और उसी दौरान उन्होंने कुरुक्षेत्र के स्थान इस टीले का निर्माण किया था। जिसे की आज हम राजा हर्षवर्धन के टीले के नाम से जानते है। जब खोजियो ने यहां पर खोजबीन की तब उन्हें यहां राजा हर्षवर्धन के समय की कई सारी चीज देखने को मिली। तो इसलिए इतिहास में रुचि रखने वालों के लिए यह एक बेहतरीन तीर्थ स्थल के रूप में मौजूद है। तो आप चाहे तो यहां आकर इसे देख सकते हैं।
16: कृष्णा संग्रहालय
अगर आप कुरुक्षेत्र के महत्वपूर्ण तीर्थ स्थलों के बारे में जानेंगे, तो आपको उसमें कृष्ण संग्रहालय का नाम जरूर सुनने को मिलेगा। इसका निर्माण सन 1987 को किया गया था, इसकी सबसे खास बात यह है, कि इस संग्रहालय में पहली शताब्दी से 11वीं शताब्दी तक के कृष्ण जी के उपयोग के सारे सामान मौजूद हैं। इतना ही नहीं इस संग्रहालय में 6 दीर्घाए मौजूद है, और इन सभी दीर्घाओं में आपको कई प्रकार की नक्काशियां जैसे कि ताड़ के पत्ते की नक्काशी, उत्तम लड़कियों की नक्काशी, हाथी दांत की नक्काशी, के साथ-साथ विभिन्न प्रकार के चित्र एवं लघु चित्र देखने को मिल जाएंगे। जिनके दर्शन आप इस स्थान पर जाकर कर सकते हैं।