बिराजा मंदिर का इतिहास और कैसे पहुंचे – संपूर्ण जानकारी

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आज के इस आर्टिकल में हम आपको उड़ीसा के बिराजा मंदिर (Biraja Mandir) के बारे में जानकारी देने वाले हैं। जी हां यहां भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक शक्तिपीठ है। जिसका बहुत ही ज्यादा महत्व है। तो आज हम इसी के बारे में जानने वाले हैं। इस आर्टिकल में आप इस मंदिर के इतिहास के बारे में जानेंगे, साथी साथ हम आपको इस आर्टिकल में हम यह भी बताने वाले हैं कि, अगर आपको भी उड़ीसा बिराजा मंदिर दर्शन के लिए जाना है, तो आप वहां किस प्रकार से और किस किस माध्यम से जा सकते हैं। तो यह सब जानने के लिए आपको इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना होगा। तो चलिए आगे बढ़ते हैं।

बिराजा मंदिर का इतिहास (Biraja Temple History in Hindi)

यह मंदिर हमारे भारत के उड़ीसा राज्य के जाजपुर नामक जगह से लगभग 125 km दुरी पर स्थित एक शक्तिपीठ है, और यह हिंदुओं की 51 शक्तिपीठों में से ही एक है। जैसा कि आपको यह तो मालूम ही होगा कि जिस जिस जगह में सती माता के अंग गिरे थे, उस जगह शक्तिपीठों का निर्माण हुआ था। तो इस जगह के लिए यह मान्यता है कि इस जगह में सती माता का नाभि आकर गिरा था।

अगर इस मंदिर में देवी और देवता की बात की जाए, तो इस मंदिर में देवी के रूप में दुर्गा मां का ही अवतार जिसे कि यहां के लोग गिरिजा या फिर बिराजा नाम से जानते हैं। इन्हीं के साथ यहां देवता के रूप में भगवान जगन्नाथ जी की मूर्ति स्थापित है। तो चलिए अब इस मंदिर के इतिहास के बारे में भी जान लेते हैं।

इस मंदिर के बनने के पीछे एक बहुत ही ज्यादा रोचक और प्रचलित पौराणिक कथा है। जिसके अनुसार लोगों की मान्यता है कि एक बार ब्रह्मा जी वैतरणी नदी के किनारे यज्ञ कर रहे थे, जिससे कि पार्वती जी स्वयं यज्ञ कुंड से महिषासुरमर्दनी के रूप में प्रकट हुई थी, और उन्होंने इस जगह में भगवान शिव जी के साथ रहने की इच्छा को मान लिया था, और तभी से ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने अपना दिव्य रूप धारण करके इसी जगह रहने का फैसला कर लिया।

कहां जाता है कि माता दुर्गा ने द्वि भुजीय रुप धारण किया जिनके एक हाथ में महिषासुर की पूछ और दूसरे हाथ में एक त्रिशूल था जो कि उस राक्षस यानी कि महिषासुर के सीने में घुसा हुआ था, और कहा जाता है कि इसी वजह से इस मंदिर का निर्माण किया गया, और आज भी वहां साक्षात मां दुर्गा की शक्ति मौजूद है।

बिराजा मंदिर के दर्शन कैसे करें?

तो चलिए अगर आपको भी कभी आने वाले समय में उड़ीसा जाना है, और अगर आप बिराजा  मंदिर में दर्शन करने के लिए जाएं। तो हम आपको कुछ ऐसी बातें बता देते हैं, जिससे कि आपको बिराजा मंदिर जाकर दर्शन करने में आसानी होगी।

अगर आप भी बिराजा मंदिर (Biraja Mandir) दर्शन करने के लिए जा रहे हैं, तो आपको इस मंदिर के समय और नियम के बारे में जानकारी होनी चाहिए। ताकि आपको किसी भी प्रकार की समस्या ना हो।

अगर इस मंदिर के खुलने की समय बात करें, तो यह मंदिर भक्तों के लिए सुबह 4:00 बजे से ही खुल जाता है। अगर इसके बंद होने के समय की बात करें, तो यह रात्रि 10:00 बजे तक खुला रहता है। लेकिन इसे दो भागों में विभाजित कर दिया गया है।

अगर आप सुबह दर्शन करना चाहे तो आपको 4:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे के बीच यहां आना होगा। 1:00 से 3:00 तक यह मंदिर बंद रहता है। उसके बाद आप शाम को 3:00 बजे से लेकर 10:00 बजे के बीच कभी भी आकर मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। साथ ही आपको इस मंदिर में फोटो खींचने की अनुमति नहीं होती है। इसलिए ध्यान रखें कि आप किसी भी प्रकार की फोटोग्राफी ना करें। और यहा आपको प्रसाद की भी अनुमति नहीं मिलती है।

बिराजा मंदिर कैसे पहुंचे (Biraja Mandir kaise phuche)?

जैसा कि हमने आपको बताया कि यह मंदिर उड़ीसा में जजपुर नामक जगह जोकि भुवनेश्वर के उत्तर दिशा में है, वहां से लगभग 125 किलोमीटर दूर है। तो चलिए हम यह जान लेते हैं कि अगर आप दूसरे शहर से आए तो आप किस प्रकार से यहां देवी दर्शन के लिए पहुंच सकते हैं।

बस से बिराजा मंदिर कैसे पहुंचे (Bus se Biraja Mandir kaise phuche)?

अगर अब बस के माध्यम से जाना चाहते हैं, तो आपको उड़ीसा की कई सारी बसें देखने को मिल जाएगी। जिसकी मदद से आप बिराजा मंदिर जा सकते हैं। आपको भुवनेश्वर एवं उड़ीसा के और कई जगहों से आसानी से बसें देखने को मिल जाएगी। जिसमें कि आप अपना सफर कर सकते हैं।

ट्रेन से बिराजा मंदिर कैसे पहुंचे (Train se Biraja Mandir kaise phuche)?

अगर आप ट्रेन से यात्रा करने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपकी जानकारी के लिए हम आपको यह बताना चाहेंगे कि, इस मंदिर से 32 किलोमीटर की दूरी पर ही जजपुर रेलवे स्टेशन है, तो आप वहां आकर टैक्सी की मदद से इस मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

फ्लाइट से बिराजा मंदिर कैसे पहुंचे (Airoplane se Biraja Mandir kaise phuche)?

अगर आप फ्लाइट से आने के बारे में सोच रहे हैं, तो आप भुवनेश्वर के बीजू पटनायक इंटरनेशनल एयरपोर्ट में लैंड कर सकते हैं। अगर यहां से इस मंदिर की दूरी की बात की जाए, तो दोनों के बीच लगभग 100 से 103 किलोमीटर का डिस्टेंस है। जिसे पूरा करने के लिए आप टैक्सी बुक कर सकते।

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