अगर आप नैनीताल गए हुए हैं, या फिर नैनीताल जाने के बारे में सोच रहे हैं। तो आपको नैनीताल में स्थित नैना देवी (Naina Devi) मंदिर एक ना एक बार जरूर जाना चाहिए। क्योंकि यह मंदिर भारत के 51 शक्तिपीठों में से एक है। तो आज इस आर्टिकल में हम आपको यह बताने वाले हैं कि, आप कैसे नैनीताल जाकर नैना देवी के दर्शन कर सकते हैं। आज हम आपको वहां पहुंचने के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। अगर आप भी नैना देवी के मंदिर जाने के बारे में सोच रहे हैं, तो इस आर्टिकल को पूरा जरूर पढ़ें, और इसे पूरा पढ़ने के बाद ही अपना सफर शुरू करें। ताकि आपको अपने सफर मे किसी भी प्रकार की समस्या ना हो।
नैना देवी मंदिर का इतिहास (Naina Devi History in Hindi)
आपको वह पौराणिक कथा तो मालूम ही होगी, जिसकी वजह से हमारे भारत के 51 शक्तिपीठों का निर्माण किया गया है। जिसमें की शिव जी की पत्नी सती माता ने अपने ही पिता दक्ष प्रजापति के यज्ञ में अपने आप को झोंक दिया था। क्योंकि उनके पिता ने यज्ञ के लिए सभी देवी देवताओं को आमंत्रित किया था, लेकिन उन्होंने शिवजी को आमंत्रित नहीं किया था। इसी की वजह से नाराज होकर सती माता ने अपने आपको उस यज्ञ में झोंक दिया। जिसके बाद जब यह बात शिवजी को पता चली, तो शिवजी ने सती माता के आधे जले शरीर को अपने करने में धारण करके तांडव किया था। जिससे कि सती माता के अंग जिस जिस स्थान पर गिरे उस जगह में इन शक्तिपीठों का निर्माण किया गया। कहा जाता है कि आज जिस स्थान पर नैना देवी का मंदिर स्थित है, उस स्थान में सती माता के नयन यानी कि आंख गिरे थे। इसलिए इस मंदिर का यहां निर्माण हुआ, और इसीलिए इस मंदिर का नाम भी नैना देवी मंदिर है।
इस स्थान पर नैना देवी के रूप में भगवान शिव की पत्नी अर्थात साक्षात पार्वती जी की पूजा की जाती है। इस मंदिर में दो नेत्र स्थित है जो कि नैना देवी को दर्शाते हैं, और उन्हीं की यहां पूजा की जाती है।
तो चलिए अब हम आपको यह बताते हैं कि आप अगर इस मंदिर में आकर दर्शन करना चाहे, तो आप किस प्रकार से दर्शन कर सकते हैं।
नैना देवी मंदिर के दर्शन कैसे करे ?
वैसे तो आप जब चाहे नैना देवी मंदिर के दर्शन के लिए आ सकते हैं। आप किसी भी दिन और किसी भी समय इस मंदिर दर्शन के लिए आ सकते हैं। लेकिन अगर आप इस मंदिर के खुलने और बंद होने के समय को जानकर यहा आएंगे तो हो सकता है कि आपको यहां आने के बाद वापस जाना ना पड़े।
तो इसके लिए हम आपको बता दें कि इस मंदिर के खुलने का समय सुबह 6:00 बजे है, और इस मंदिर के बंद होने का समय रात 10:00 बजे है। यानी कि आप 6:00 बजे से लेकर रात 10:00 बजे तक के बीच कभी भी इस मंदिर में देवी मां के दर्शन कर सकते हैं।
तो चलिए अब हमने यह तो जान लिया है कि हम देवी मां के दर्शन कैसे और किस समय कर सकते हैं। तो अब हम आपको यह भी बता देते हैं कि, अगर आप दूसरे शहर से आ रहे हैं, तो आपको इस मंदिर आने के लिए किस साधन से और कैसे आना होगा।
नैना देवी मंदिर कैसे पहुंचे (Naina Devi Mandir Kaise Phuche)?
बस से नैना देवी मंदिर कैसे पहुंचे (Bus se Naina Devi Mandir kaise Phuche)?
अगर आप सड़क मार्ग से बस से जाने के बारे में सोच रहे है, तो हम आपको बता दें कि यह मंदिर नैनीताल में स्थित है, और नैनीताल लगभग सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इस कारण आपको नैनीताल के लिए नियमित तौर पर बसे देखने को मिल जाएगी।
ट्रेन से नैना देवी मंदिर कैसे पहुंचे (Train se Naina Devi Mandir kaise Phuche)?
अगर आप ट्रेन से आ रहे हैं, तो हम आपको यह बता दें कि नैना देवी मंदिर का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन kathgodam रेलवे स्टेशन है। अगर इस रेलवे स्टेशन से मंदिर की दूरी की बात की जाए, तो दोनों के बीच लगभग 35 किलोमीटर का डिस्टेंस है। इस दुरी के लिए आप टैक्सी या फिर कैब का इस्तेमाल कर सकते हैं।
नैना देवी मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन कौन सा है (Naina Devi Mandir ka Nearest Railway Station kon sa hai)?
नैना देवी मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन काठगोदाम रेलवे स्टेशन है
नैना देवी मंदिर से काठगोदाम रेलवे स्टेशन की दूरी कितनी है (Naina Devi Mandir se Kathgodam Railway station ki duri kitni hai)?
नैना देवी मंदिर से काठगोदाम रेलवे स्टेशन की दूरी 35 किलोमीटर है।
फ्लाइट से नैना देवी मंदिर कैसे पहुंचे (Airoplane se Naina Devi Mandir kaise Phuche)?
अगर आप फ्लाइट से आना चाहे तो हम आपको बता दें कि चंडीगढ़ में आपको एयरपोर्ट की सुविधा देखने को मिल जाएगी, और यह सबसे अच्छा एयरपोर्ट है। आपको लगभग सभी प्रमुख शहरों से चंडीगढ़ के लिए फ्लाइट देखने को मिल जाएगी, अगर चंडीगढ़ एयरपोर्ट से इस मंदिर की दूरी की बात की जाए, तो दोनों के बीच लगभग 110 किलोमीटर का डिस्टेंस है। जिसे पूरा करने के लिए आप या तो बस या फिर टैक्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
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