तो दोस्तों कैसे हैं आप लोग, स्वागत है आपका आज के हमारे एक और नए आर्टिकल में। तो दोस्तों वैसे तो हिंदू धर्म में मंदिरों और देवी देवताओं का बहुत ही ज्यादा महत्व है , इसीलिए आपको यह देखने को मिलता है कि लाखों की संख्या में लोग देवी देवताओं के दर्शन के लिए अलग-अलग जगह में स्थित मंदिरों में आते-जाते रहते हैं। तो दोस्तों वैसे तो अलग-अलग देवी देवताओं एवं अलग-अलग मंदिरों का अपना अलग-अलग महत्व होता है, लेकिन आज के इस आर्टिकल में हम आपको एक ऐसे महत्वपूर्ण मंदिर के बारे में बताने वाले हैं, जिसकी महिमा जानकर शायद आपको हमारी बात पर विश्वास नहीं होगा। दोस्तों हम बात कर रहे हैं भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में गोंडा में स्थित वाराही देवी मंदिर की, जो कि उत्तर प्रदेश के प्रमुख एवं महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है, और जहां भक्तों की लाखों की संख्या में भीड़ लगी रहती है। तो आज के इस आर्टिकल में हम आपको वाराही देवी मंदिर गोंडा के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। आज हम आपको बताएंगे कि वाराही देवी मंदिर उत्तर प्रदेश में कहां स्थित है, इस मंदिर का इतिहास क्या है, और इतना ही नहीं अगर इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको वहां जाने का मन करे, तो इस आर्टिकल में हम आपको देवी मां के मंदिर पहुंचने के बारे में भी पूरी जानकारी देंगे ताकि आप बिना किसी परेशानी के अपने शहर या गांव से माता के मंदिर तक पहुंच सके। तो अगर आप भी इन सभी चीजों के बारे में जानना चाहते हैं, तो इसके लिए हमारे इस आर्टिकल को आखिरी तक जरूर पढ़ें, तो चलिए बिना किसी देरी के आगे बढ़ते हैं और आज के हमारे इस मजेदार से आर्टिकल को शुरू करते है।
वाराही देवी (Varahi Devi) मंदिर कहां स्थित है?
तो दोस्तों अगर बात करें वाराही देवी मंदिर कहां स्थित है, तो हम आपको बता दें कि वाराही देवी मंदिर हमारे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के अंतर्गत गोंडा में स्थित है। दोस्तों हम आपको बता दें कि इस मंदिर को वाराही देवी मंदिर के साथ-साथ उत्तरी भवानी मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। अगर बात करें गोंडा में इस मंदिर के स्थान की, तो हम आपको बता दें कि यह मंदिर गोंडा मुख्यालय से मात्र 32 किलोमीटर दूर मुकुंदपुर में स्थित है, जो की उमरी बेगमगंज थाना के क्षेत्र में आता है। तो दोस्तों अगर आपको वाराही देवी के बारे में नहीं पता है, तो हम आप सभी को बता दें कि वाराही देवी मां दुर्गा का ही एक तामस और सात्विक अवतार है। दोस्तों कहां जाता है कि वाराही देवी के दर्शन मात्र से ही भक्ति के सारे मनोकामना पूर्ण हो जाते हैं, और उसे उसके सारे दुख एवं कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। दोस्तों इसीलिए गोंडा के वाराही देवी मंदिर में भी आपको लाखों की संख्या में भक्तों की संख्या देखने को मिलेगी। जो कि यहां वाराही देवी के दर्शन के लिए आते हैं। दोस्तों इतना ही नहीं कहा जाता है कि गोंडा में जो वाराही देवी का मंदिर स्थित है, वह हमारे भारत के 51 शक्ति पीठों में से एक शक्तिपीठ है, यह शक्ति पीठ 51 शक्ति पीठों में से 34 वे नंबर पर विराजमान है। इस स्थान केएस 51 शक्ति पीठ में से एक बनने के पीछे एक बहुत ही रोचक कथा है, जिसके बारे में हम आगे आपको बताने वाले हैं। लेकिन इससे पहले हम आपको इस मंदिर के एक चमत्कार के बारे में बताने वाले हैं, कहां जाता है कि इस मंदिर के परिसर में एक वट वृक्ष विराजमान है, और लोगों का मानना है कि उस वाट वृक्ष के पत्ते से जो दूध निकलता है अगर उसे कोई ऐसा व्यक्ति अपनी आंखों में डाल ले जो की देख नहीं सकता है तो उसकी रोशनी माता की कृपा से वापस आ जाती है। इसलिए इस मंदिर का महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है। तो चलिए बिना किसी देरी के इस आर्टिकल में आगे बढ़ते हैं, और एक रोचक कथा के माध्यम से आपको इस मंदिर के इतिहास के बारे में बताते हैं।
वाराही देवी(Varahi Devi) मंदिर का इतिहास
दोस्तों अगर बात करें वाराही देवी मंदिर के इतिहास की, तो हम आपको बता दें कि वाराही देवी मंदिर का इतिहास सती माता और शिव जी से संबंधित है। आप सभी को यह तो मालूम ही होगा कि हमारे भारत में कुल मिलाकर 51 शक्ति पीठ हैं, और आपको शायद यह भी मालूम होगा कि 51 शक्तिपीठों का निर्माण किस लिए हुआ है। अगर नहीं पता, तो हम आपको बता दें कि एक बार सती माता के पिता जी यानी कि दक्ष राज जी ने एक यज्ञ का आयोजन किया था, जिसमें कि उन्होंने सभी देवी देवताओं को यज्ञ हेतु आमंत्रित किया था, किंतु उन्होंने शिव जी को यज्ञ हेतु आमंत्रित नहीं किया, जिसकी वजह से सती माता बहुत ही ज्यादा नाराज हो गई थी। नाराज होकर जब सती माता अपने पिता के पास पहुंची, तब उनके पिता ने शिव जी के बारे में बहुत ही ज्यादा भला बुरा कहा, जो की सती माता को सहन नहीं हुआ। जिसके कारण वह अपने पिता के यज्ञ में ही खुद कर सती हो गई। जब यह बात शिव जी को पता चली, तो वह बहुत ही ज्यादा क्रोधित हुए, और उन्होंने दक्षराज के सर को धड़ से अलग कर दिया, और उसके बाद सती माता के जले हुए शरीर को अपने कंधे पर उठाकर विलाप करने लगे। भगवान विष्णु यह जानते थे कि शिव जी अगर ऐसे ही विलाप करने लगे, तो पूरी सृष्टि का विनाश हो जाएगा, इसके लिए उन्होंने अपने चक्र से सती माता के शरीर के 51 टुकड़े कर दिए, और वह 51 टुकड़े जिस जिस जगह में गिरे वहां शक्तिपीठ का निर्माण हुआ और कहां जाता है कि जिस स्थान पर वर्तमान समय में वाराही देवी का मंदिर स्थित है, उस स्थान पर सती माता के दो दांत गिरे थे इसलिए इस स्थान पर वाराही देवी शक्तिपीठ का निर्माण हुआ था।
दोस्तों इतना ही नहीं कहा जाता है की माता सती के दांत गिरने की वजह से इस स्थान पर एक बहुत ही बड़े और गहरे गुफा का निर्माण हो गया है, जिसकी गहराई आज तक नापी नहीं जा सकी है। कहा जाता है कि एक बार किसी ने इसे नापने की कोशिश की थी, जिसकी वजह से उसकी आंखों की रोशनी हमेशा के लिए चली गई। दोस्तों कहां जाता है कि एक बार एक 4000 मीटर धागे में एक पत्थर बांधकर इस गुफा के अंदर डाला गया था, लेकिन इससे भी इस गुफा की गहराई का कोई भी अंदाजा नहीं लग पाया। इससे आप ये अंदाजा लगा ही सकते हैं कि यह गुफा कितनी ज्यादा गहरी हो सकती है। इस मंदिर के इतने सारे सबूत और महत्व के कारण ही भक्तों की यहां भीड़ देखने को मिलती है, तो अगर आप भी इस मंदिर में आकर वाराही देवी के दर्शन करना चाहते हैं, तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ कर आप इस मंदिर तक पहुंचने के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। तो चलिए आगे बढ़ते हैं और जानते हैं।
वाराही देवी(Varahi Devi) मंदिर कैसे पहुंचे?
तो दोस्तों जैसे कि हमने आपको बताया की वाराही देवी मंदिर हमारे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के अंतर्गत गोंडा जिले में स्थित है, तो दोस्तों अगर आप भी वाराही देवी मंदिर जाना चाहते हैं तो इसके लिए सबसे पहले आपको उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले में आना होगा, जिसके बाद आप आगे किसी भी साधन से मंदिर तक पहुंच सकते हैं। तो चलिए आगे हम आपको बस ट्रेन और फ्लाइट के माध्यम से गोंडा तक पहुंचाने के बारे में बता देते हैं, ताकि आप आसानी से मंदिर पहुंच के देवी के दर्शन कर सके।
सड़क मार्ग (By Road) से वाराही देवी मंदिर कैसे पहुंचे?
तो दोस्तों सबसे पहले हम बात करेंगे सड़क मार्ग से गोंडा तक पहुंचने की, तो दोस्तों हम आपको बता दें कि गोंडा उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख जिला है, जहां की सिर्फ एक नहीं बल्कि कई सारे मंदिर हैं, जिसमें से वाराही देवी मंदिर बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध मंदिर है, जिस कारण से यहां लाखों की संख्या में लोगों का आना-जाना लगा रहता है, जिसके वजह से गोंडा जिला उत्तर प्रदेश और उसके आसपास के जगह से सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है जिससे कि आपको सड़क मार्ग से यहां तक पहुंचने में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना करना नहीं पड़ेगा।
इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश का यह गोंडा जिला लखनऊ, इलाहाबाद, कानपुर, मथुरा आदि बड़े-बड़े शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, तो अगर आप उत्तर प्रदेश राज्य के बाहर से भी यहां सड़क मार्ग से आने के बारे में सोच रहे हैं, तो आपको किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी।
ट्रेन (Train) से वाराही देवी मंदिर कैसे पहुंचे?
तो दोस्तों अगर बात करें ट्रेन से सफर करने की, तो हम आपको बता दें कि गोंडा जिला में खुद एक रेलवे स्टेशन है जिसका नाम गोंडा जंक्शन है। तो अगर आपको अपने शहर या फिर आपके राज्य के किसी भी जगह से गोंडा जंक्शन के लिए ट्रेन मिलती है, तो आप सीधे उसमें सफर करते हुए आसानी से गोंडा पहुंचकर मंदिर के दर्शन कर सकते हैं। लेकिन अगर आपको गोंडा जंक्शन के लिए ट्रेन नहीं मिलती है, तो इसके लिए आपके पास सबसे अच्छा ऑप्शन रहेगा कि आप लखनऊ के रेलवे स्टेशन जाएं, जो की गोंडा से 117 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, और लखनऊ रेलवे स्टेशन एक बहुत बड़ा रेलवे स्टेशन है, जो कि हमारे देश के बड़े-बड़े शहरों से जैसे की दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, बेंगलुरु, अहमदाबाद आदि जैसे बड़े शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। तो आपको यहां आने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी। इसके बाद आप गोंडा पहुंचने के लिए बस या फिर टैक्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं।
फ्लाइट (Airoplane) से वाराही देवी मंदिर कैसे पहुंचे?
तो दोस्तों अगर आप अपने शहर से फ्लाइट के माध्यम से सफर करके गोंडा तक आना चाहते हैं, तो हम आपको बता दें कि गोंडा जिला का निकटतम एयरपोर्ट भी आपको लखनऊ में ही देखने को मिलेगा, लखनऊ का एयरपोर्ट गोंडा से 133 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है, जिसे पूरा करने के लिए आप बस या फिर टैक्सी का इस्तेमाल कर सकते हैं, जो कि आपको एयरपोर्ट से आसानी से मिल जाएगी, और अगर बात करें लखनऊ एयरपोर्ट की, तो यह एक बहुत ही बड़ा इंटरनेशनल एयरपोर्ट है, जहां के लिए आपको फ्लाइट हमारे देश के सभी प्रमुख जगहों जैसे कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, जैसी जगहों से देखने को मिल जाएगी, तो आप आसानी से फ्लाइट के माध्यम से यहां आकर गोंडा तक जाकर वाराही देवी मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।