नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) का जीवन परिचय।
नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) को हनुमान जी का अवतार माना जाता है। यह बाबा आपको एक साधारण सा कंबल ओढ़े दिखाई देते हैं। भारत ही नहीं बल्कि विदेशी हस्तियां भी नीम करोली बाबा की फैन है। बताया जाता है कि हनुमान जी के भक्त नीम करोरी बाबा ने भारत सहित विदेशों में हनुमान जी के कुल 108 मंदिर बनवाए हैं। चलिए आज हम जानते हैं नीम करौली बाबा के जीवन परिचय के बारे में।
नीम करोली बाबा का प्रारंभिक जीवन।
नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) का जन्म लगभग 1900 के आसपास उत्तर प्रदेश के अकबरपुर में हुआ था। नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba) जाति से ब्राह्मण परिवार मे पैदा हुए थे। उनके पिता का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा तथा माता का नाम लक्ष्मी नारायण था। महज 11 वर्ष की उम्र में ही नीम करोली बाबा की शादी करा दी गई थी। बताया जाता है कि 1958 के आस पास बाबा ने घर का त्याग कर दिया था। उसके बाद बाबा साधु की भांति इधर-उधर विचरण किया करते थे। नीम करोली बाबा द्वारा गुजरात के बवानिया मोरबी में तपस्या की गई थी। हालांकि तपस्या के बाद ज्ञान प्राप्त होने के बाद उन्होंने, लोगों को जागरूक करने का काम किया। 10 सितंबर 1973 को वृंदावन में बाबा ने अपने शरीर का त्याग कर दिया था। कहा जाता है कि उसके बाद नीम करोली बाबा हनुमान जी की भक्ति में समर्पित हो गए।
नीम करोली बाबा जी का संक्षिप्त जीवन परिचय।
नाम | करोली बाबा |
पूरा नाम | नीम करोली बाबा |
जन्म | उत्तर प्रदेश के अकबरपुर |
पिता का नाम | दुर्गा प्रसाद शर्मा |
माता का नाम | लक्ष्मी नारायण |
जन्मतिथि | 1990 |
अन्य नाम | लक्ष्मण दास, हांडी वाला बाबा, तिकोनिया वाला बाबा |
तपस्या | गुजरात के वावेनिया मोरबी में |
मृत्यु | 10 सितंबर 1973 को वृंदावन में |
अवतार | हनुमान जी के अवतार |
बाबा के कुल मंदिर | 108 मंदिर |
बाबा के भक्त | प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित भारत तथा दुनिया के बड़े-बड़े लोग |
उपासक | हनुमान जी के उपासक |
बाबा के पुत्र | अनेक सिंह, नारायण शर्मा |
जरूर पढ़े : कैंची धाम (Kainchi Dham Kaise Jaye) कैसे पहुंचे – संपूर्ण जानकारी
बाबा का नाम नीम करोली बाबा कैसे पड़ा?
नीम करोली बाबा के बारे में कुछ किस्से काफी मशहूर हैं। जिसमें से एक किस्सा काफी मशहूर है, जिससे हमें पता चलता है कि नीम करोली बाबा नाम कैसे पड़ा। बता दे कि एक बार नीम करोली बाबा एक ट्रेन में फर्स्ट क्लास डब्बे में सफर कर रहे थे। जब ट्रेन मे टिकट चेकिंग के दौरान ट्रेन कर्मचारी द्वारा बाबा जी से टिकट मांगा गया, तो बाबाजी के पास कोई भी टिकट नहीं था। ट्रेन कर्मचारी के द्वारा नीम करौली गांव मे बाबा जी को ट्रेन से उतार दिया गया। जिसके बाद बाबा जी ट्रेन से उतर कर नीचे खूंटा गाड़ कर बैठ गए। उसके बाद ट्रेन ड्राइवर ट्रेन नहीं चला पा रहा था। ट्रेन का इंजन अपने आप जाम हो गया था। फिर पास में जब मजिस्ट्रेट को पता लगा कि बाबा जी के साथ ऐसा हुआ है। तो उसने बताया, कि यह कोई आम बाबा जी नहीं है। यह ट्रेन तभी चल सकती है जब बाबा जी से माफी मांगी जाएगी। उसके बाद ट्रेन कर्मचारी के द्वारा बाबा जी से माफी मांगी गई। साथ ही उन्हें फर्स्ट क्लास के डिब्बे में फिर से बैठाया गया। बाबाजी के मानने से ट्रेन का इंजन ठीक हो गया और सभी लोगों ने बाबा जी को प्रणाम किया। इसी के बाद बाबाजी नीम करोली बाबा जी कहलाने लगे।
नीम करोली बाबा के चमत्कार।
नीम करोली बाबा के बहुत सारे चमत्कार प्रसिद्ध है। जिनके बारे में लोग बहुत बात करते हैं। चलिए ऐसे ही बाबा के चमत्कार के बारे में हम आपको बताते हैं।एक बार की बात है,कि हनुमानगढ़ी मंदिर का निर्माण चल रहा था। लेकिन वह निर्माण पूरा नहीं हो पाया। क्योंकि बारिश बहुत तेज चल रही थी। तब नीम करोली बाबा बाहर आए और उन्होंने आकाश की तरफ देखते हुए बोला ” पवन तनय बल पवन समाना”। उसके बाद अचानक से तेज हवाएं आई और बारिश को उड़ा कर दूर ले गई। इस तरह बारिश रुकने से, हनुमानगढ़ी मंदिर का निर्माण फिर से शुरू हो सका। यह सब बाबा के चमत्कार से ही संभव हो सका।
नीम करोली बाबा की मृत्यु कैसे हुई।
बताया जाता है कि 11 सितंबर 1973 को जब बाबाजी वृंदावन आश्रम में थे, तो अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई। जिसके बाद फौरन उनके भक्त पास स्थित अस्पताल में बाबा को ले गए। डॉक्टर के द्वारा उनके मुंह पर ऑक्सीजन का मास्क लगाया गया। लेकिन नीम करोली बाबा ने वह मास्क हाथ से उतार दिया। नीम करोली बाबा ने अपने भक्तों को कहा, कि अब मेरा अंतिम समय आ चुका है। जल्दी से आप मेरे लिए तुलसी और गंगाजल लाएं। जब उनके भक्त तुलसी और गंगाजल लेकर आए, उसको ग्रहण करने के बाद नीम करोली बाबा ने अपना शरीर का त्याग कर दिया। लेकिन यह माना जाता है कि बाबा आज भी अलौकिक रूप से अपने भक्तों के साथ रहते हैं।
नीम करोली बाबा मार्क जुकरबर्ग।
नीम करोली बाबा के भक्त केवल देश के ही नहीं, बल्कि विदेशों के लोग भी हैं। फेसबुक के फाउंडर मार्क जुकरबर्ग भीम बाबा के बहुत बड़े भक्त हैं। मार्क जुकरबर्ग भी बाबा से मिलने उनके आश्रम आते रहते है। कुछ लोगों का यह मानना है कि मार्क जुकरबर्ग की सफलता के पीछे बाबा का आशीर्वाद ही है। इसी वजह से मार्क जुकरबर्ग बाबा के बहुत बड़े भक्त हैं।
नीम करोली बाबा स्टीव जॉब्स।
एप्पल कंपनी के सीईओ स्टीव जॉब्स भी बाबा के भक्त हैं। बताया जाता है कि एप्पल कंपनी का लोगो, बाबा के द्वारा ही दिया गया है। एक बार जब स्टीव जॉब्स बाबा से आशीर्वाद लेने उनके आश्रम आए थे, तो बाबा ने उन्हें मुंह से कटा हुआ सेब दिया था। जिसके बाद स्टीव जॉब्स ने उस कटे हुए सेब को बाबा का आशीर्वाद समझकर, अपनी कंपनी का लोगो बनाया। इसी वजह से एप्पल कंपनी को इतनी सफलता मिली।
जरूर पढ़े : कैंची धाम (Kainchi Dham Kaise Jaye) कैसे पहुंचे – संपूर्ण जानकारी
Baba ji ki jai ho