कैलाश पर्वत (Kailash Parvat) रचना हस्तिनापुर

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कैलाश पर्वत रचना 

यह मंदिर भी पहले जैन तीर्थंकर भगवान आदिनाथ को समर्पित है कैलाश पर्वत रचना सबसे प्राचीन बड़ा जैन मंदिर का ही एक्सटेंशन है। मंदिर में ऊपर जाने के लिए जीनालय की चार सीडीओ को पार करना पड़ता है। मंदिर के मध्य में 11.25 फीट पद्मासन श्री 1008 भगवान आदिनाथ जी की मूर्ति स्थापित की गई है जो 38+19+9+6=72 मंदिरों की चार परतों से पूरी तरह घिरी हुई है। 72 जिनालय श्री त्रिकाल चौबीसी का प्रतिनिधित्व करते हैं जिन्हें काल कहा जाता है।इस मंदिर के मुख्य आकर्षण का केंद्र इरावत हाथी की सवारी,कोलंबस ट्रेन, पारणा मंदिर है।

मंदिर में दर्शन करने का समय सुबह 6:00 बजे से लेकर 9:00 बजे के बीच का है। मंदिर की स्थापना 22 अप्रैल 2006 में हुई थी मंदिर के संस्थापक श्री दिगंबर जैन तीर्थ क्षेत्र कमिटी है तथा इसका उद्घाटन श्री 105 ड्रानमती माताजी के द्वारा किया गया।

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