होरी हनुमान मंदिर का इतिहास और होरी हनुमान जी मंदिर कैसे पहुंचे?

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राजस्थान मे स्थित होरी हनुमान (Hori Hanuman) जी का मंदिर अत्यधिक प्रसिद्ध है।और ऐसा कहा जाता है कि इस मंदिर मे आने वाले श्रद्धालुओ को उनके हर दुख से मुक्ति मिल जाती है। इस मंदिर के विषय मे ऐसी मान्यताएं है यह बहुत ही खास मंदिर है।जहां खुद हनुमान जी विराजते हैं और अपने भक्तों की सारी परेशानियों का निदान करते हैं।

आप भी इस प्रख्यात मंदिर की विशेषताओं के बारे मे जरूर जानना चाहते हो तो चलिए जानते है कि इस मंदिर का इतिहास क्या है और होरी हनुमान जी मंदिर कैसे पहुँचा जा सकता है।

क्या है राजस्थान होरी हनुमान मंदिर का इतिहास?

होरी हनुमान जी के मंदिर (Hori Hanuman ji Temple) मे जाने वाले हर श्रद्धालु को उनके पीड़ा, दुःख दर्द से मुक्ति मिलती है ऐसे मे ये जानना बेहद जरुरी हो जाता है कि इस मंदिर का इतिहास क्या है?

दरअसल हनुमान जी का ये प्रसिद्ध मंदिर मन्दसौर और राजस्थान के प्रतापगढ जिले की सीमा मे स्थित है। जो कि आज से 125 साल पुराना है,और इसे होरी हनुमान धाम के नाम से भी जाना जाता है।

आज के समय मे इसे भव्य रूप प्रदान कर दिया गया है।लेकिन एक समय ऐसा भी था जब यहाँ कोई मंदिर नहीं बल्कि एक चबूतरा था। जिसमें हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित की गई थी।

इसी चबूतरे पर एक भक्त हनुमान जी की पूजा करता था।लेकिन जैसे – जैसे लोग यहाँ दर्शन के लिए आने लगे उनका बिगड़ता काम भी बनता गया और इस स्थान पर हनुमान जी का भव्य मंदिर बना दिया गया। 

इस मंदिर के प्रति लोगों की आस्था और बढ़ती गई। उस दौरान जगन्नाथ नाम का भक्त जो हनुमान जी की पूजा करता था, वहीं वहां की सारी देख भाल करता था। जैसे कि हनुमान जी की प्रतिमा की साफ सफाई आदि। ऐसा कहा जाता है कि जगन्नाथ को हनुमान जी पर गहरी आस्था थी और बहुत समय पहले से ही इस मंदिर मे चमत्कार होने लगे थे। एक दिन इसी मंदिर के पास जगन्नाथ को चांदी का एक सिक्का प्राप्त हुआ था।

वहीं पोटड़ी गांव मे रामलाल नाम का एक आदमी था। जगन्नाथ को जो सिक्का मिला था उसने उसे रामलाल के पास रख दिया था। इसके बाद जगन्नाथ को और भी कई सिक्के प्राप्त हुए थे जिसे वो रामलाल के पास रख देता था। अब रामलाल के मन मे ये ख्याल आया कि जगन्नाथ को इतने सिक्के कहाँ से मिल रहे है इसलिए उसने जगन्नाथ से इस बारे मे पूछा और जगन्नाथ ने रामलाल को सारी बातें सच- सच बता दी। लेकिन उस दिन के बाद से ही जगन्नाथ को सिक्के मिलने बंद हो गए। 

अब ये तो रही इस मंदिर के चमत्कार की एक कहानी लेकिन इसी तरह के कई महिमा का वर्णन लोग करते है। ऐसे भी कहा जाता है कि एक बार राजस्थान की रोजड नदी मे बाढ़ आ गई थी  और पूरा पोटड़ी गाँव इसमें डूब गया था। इसके बाद नाथू जी तम्बोले नाम के एक आदमी ने हनुमान जी का ध्यान किया और मन्नत मांगी कि अगर उनका अनाज बच गया तो वो उसका कुछ हिस्सा हनुमान जी को अर्पित करेगा।फिर हनुमान जी ने अपना चमत्कार दिखाया और उनका अनाज बचा लिया। इसी चमत्कार के बाद नाथू जी ने होरी हनुमान जी का मंदिर बनवाने के लिए अनाज दान मे दिया था।  धीरे- धीरे ये भव्य मंदिर तैयार हो गया। अब हनुमान जी की प्रतिमा को यहाँ स्थापित की ही गई लेकिन साथ ही जगन्नाथ की मूर्ति भी यहाँ स्थापित हुई।

होरी हनुमान (Hori Hanuman) जी के मंदिर आप कैसे जा सकते है?

होरी हनुमान जी के मंदिर आप बस, ट्रेन तथा हवाई जहाज से जा सकते है। यह आपकी दूरी पर निर्भर करता है। अगर आप पास है, तो आप बस, ट्रेन से होरी हनुमान जी के मंदिर जा सकते है।

अगर आप दूरी ज्यादा है, तो आप हवाई जहाज का उपयोग कर सकते है। चलिए हम आपको होरी हनुमान जी के मंदिर जाने के विभिन्न साधनों को विस्तार से समझाते है।

बस से होरी हनुमान (Hori Hanuman) जी के मंदिर कैसे जा सकते है?

आपको बता दे कि होरी हनुमान जी का मंदिर राजस्थान राज्य के प्रतापगढ़ जिले के शोली गाँव मे स्थित है।अगर आप प्रतापगढ़ जिले से ज्यादा दूरी पर रहते है, तो आपको अपने नजदीकी बस स्टॉप से प्रतापगढ़ राजस्थान के लिए बस पकड़नी होगी।

प्रतापगढ़ राजस्थान बस से पहुंचने के बाद आप लोकल बस या अन्य साधन से होरी हनुमान जी के मंदिर पहुंच सकते है।

लेकिन अगर आप राजस्थान के आस पास मे रहते है। तो आपको होरी हनुमान जी के मंदिर जाने मे कोई दिक्कत नहीं होगी।आप राजस्थान रोडवेज या लोकल बस के द्वारा होरी हनुमान जी के मंदिर आसानी से जा सकते है।

होरी हनुमान जी के मंदिर आप ट्रेन से कैसे जा सकते है?

होरी हनुमान (Hori Hanuman) जी के मंदिर के पास छोटा रेलवे स्टेशन डिगोड़ है। जोकि मंदिर से मात्र 4 किलोमीटर दूरी पर स्थित है।जबकि पास मे बड़ा रेलवे स्टेशन कोटा जंक्शन है।जोकि मंदिर से लगभग 15 किलोमीटर दूर है।

अगर आपको होरी हनुमान (Hori Hanuman) जी के मंदिर ट्रैन से जाना चाहते है, तो आपको अपने नजदीकी रेलवे स्टेशन से कोटा जंक्शन के लिए ट्रेन पकड़नी होगी। कोटा जंक्शन पर पहुंचने के बाद आपको लोकल ट्रेन पकड़नी होगी। जो आपको डिगोड़ रेलवे स्टेशन पर उतारेगी। वहाँ से आप आसानी से होरी हनुमान जी के मंदिर पैदल जा सकते है।

होरी हनुमान जी के मंदिर आप हवाई जहाज से कैसे जा सकते है?

अगर आप राजस्थान से ज्यादा दूर है, तो आपको होरी हनुमान जी के मंदिर हवाई जहाज से यात्रा करना सुलभ होगा। इसके लिए आपको अपने नजदीकी एयरपोर्ट से जयपुर एयरपोर्ट जाना होगा।

क्योंकि जयपुर एयरपोर्ट होरी हनुमान जी के मंदिर का नजदीकी एयरपोर्ट है। जयपुर एयरपोर्ट जाने के बाद आप बस, ट्रैन या अन्य साधन से होरी हनुमान जी के मंदिर आसानी से जा सकते है।

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