गोपेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास और कैसे पहुंचे – संपूर्ण जानकारी

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Gopeshwar Mahadev Temple Vrindavan History in Hindi

क्या आप वृंदावन में स्थित गोपेश्वर महादेव मंदिर (Gopeshwar Mahadev Mandir) जाना चाहते हैं। तो आज के इस आर्टिकल मे हम आपको गोपेश्वर मंदिर जाने के बारे में पूरी जानकारी देने वाले हैं। साथ ही साथ इस आर्टिकल में हम आपको गोपेश्वर महादेव मंदिर के इतिहास के बारे में भी बताने वाले हैं। तो अगर आपको इस मंदिर के इतिहास एवं वहां कैसे पहुंचा जाए इसके बारे में जानना है। तो इस आर्टिकल को पूरा पढ़ना होगा। तो चलिये आज का यह आर्टिकल शुरु करते हैं।

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गोपेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास  (Gopeshwar Mahadev Mandir ka Itihaas)

गोपेश्वर महादेव मंदिर (Gopeshwar Mahadev Mandir) हमारे भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मथुरा जिले में वृंदावन नामक स्थान में स्थित एक मंदिर है। जिसे गोपेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है, और यह मंदिर शिव जी को समर्पित है। इस मंदिर में हमें शिवजी का महिला रूप देखने को मिलता है, कहा जाता है कि इस मंदिर में जो शिवलिंग है, उसकी स्थापना श्री कृष्ण जी के परपोते ने की थी, और इस मंदिर के बनने तथा इस मंदिर में शिवजी के महिला रुप के पीछे एक इतिहास है, जिसके पीछे एक पौराणिक कथा है-

श्री कृष्ण यमुना नदी के किनारे महारास रचने वाले थे

कहां जाता है कि एक दिन श्री कृष्ण यमुना नदी के किनारे महारास रचने वाले थे। जिसे देखने के लिए शिवजी और पार्वती जी बहुत ही ज्यादा उत्साहित थे। रासलीला में कृष्ण जी के अलावा किसी भी पुरुष को अंदर आने की अनुमति नहीं थी। इसलिए पार्वती जी को तो अंदर आने की अनुमति मिल गई, लेकिन भगवान शिव को अंदर आने की अनुमति नहीं मिली। जिससे कि वह दुखी हो गये।

तभी जब शिवजी प्रवेश द्वार पर ही दुखी होकर खड़े थे। तब उनकी तीव्र इच्छा को देखकर वृंदा देवी ने उन्हें रासलीला देखने का रहस्य बताया, और उनसे कहा कि आपको इस मानसरोवर के यमुना नदी में स्नान करना होगा।

वृंदा देवी के कहने पर शिव जी ऐसा ही करते हैं

वृंदा देवी के कहने पर शिव जी ऐसा ही करते हैं, और यमुना नदी में स्नान कर लेते हैं। जिसके बाद जब वे स्नान करके बाहर आते हैं, तो महिला का वेश धारण कर लेते हैं, और उसके बाद उन्हें अंदर जाने की अनुमति भी मिल जाती है। जिसके बाद जब वह रासलीला देखने के लिए अंदर जाते हैं। तो श्री कृष्णा जी इन्हें देखकर थोड़ा मुस्कुराते हैं और हंसते हैं, और तभी से कृष्ण जी शिवजी को गोपेश्वर का नाम देते हैं। 

यह सब होने के बाद से श्री कृष्ण जी शिवजी को प्रवेश द्वार पर ही खड़े रहने की जिम्मेदारी देते हैं, और उनसे कहते हैं कि कोई भी अयोग्य व्यक्ति यहां नहीं आना चाहिए। इसलिए कहा जाता है कि शिवजी यहां प्रवेश द्वार पर अभी भी खड़े हुए हैं, और अयोग्य व्यक्तियों को यहां आने से रोकते हैं, और सब की रक्षा करते हैं। इसलिए यहां बाद में इस स्थान पर गोपेश्वर मंदिर का निर्माण किया गया।

गोपेश्वर महादेव मंदिर कैसे पहुंचे (Gopeshwar Mahadev Mandir Kaise Phuche)

बस से गोपेश्वर महादेव मंदिर कैसे पहुंचे ?

अगर आप बस से जाने की सोच रहे हैं, तो हम आपको बता दें कि वृंदावन सभी शहरी मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। इसलिए आपको लगभग सभी शहरों से ही वृंदावन के लिए सीधी बस देखने को मिल जाएगी। आपको दिल्ली, मथुरा; जयपुर आदि कई जगहों से वृंदावन के लिए सीधी बस में देखने को मिल जाएगी।

ट्रेन (Train) से गोपेश्वर महादेव मंदिर कैसे पहुंचे ?

अगर आप ट्रेन से यात्रा करते हुए आ रहे हैं, तो गोपेश्वर महादेव मंदिर यानी कि वृंदावन का सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन मथुरा जंक्शन है। तो आप मथुरा जंक्शन में आकर टैक्सी की मदद से वृंदावन जा सकते हैं। अगर मथुरा से वृंदावन गोपेश्वर महादेव टेंपल की दूरी की बात की जाए, तो दोनों के बीच लगभग 13 किलोमीटर का डिस्टेंस है।

फ्लाइट (Flight) से गोपेश्वर महादेव मंदिर कैसे पहुंचे ?

अगर आप हवाई मार्ग से आ रहे हैं या फिर आना चाहते हैं। तो वृंदावन का सबसे निकटतम एयरपोर्ट आगरा एयरपोर्ट है। आप आगरा एयरपोर्ट में लैंड करके टैक्सी की मदद से आसानी से वृंदावन आ सकते हैं। अगर आगरा एयरपोर्ट से वृंदावन की दूरी की बात की जाए, तो दोनों के बीच लगभग 72 किलोमीटर का डिस्टेंस है।

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