चामुंडेश्वरी मंदिर मैसूर का इतिहास और कैसे पहुंचे -संपूर्ण जानकारी

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क्या आप कर्नाटक में स्थित चामुंडेश्वरी मंदिर जाना चाहते हैं, और आपको नहीं पता है कि आप उस जगह कैसे पहुंच सकते हैं, और कैसे देवी के दर्शन कर सकते हैं। तो आप आज बिल्कुल सही जगह आए हैं। क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको यह बताने वाले हैं कि, आप कैसे चामुंडेश्वरी मंदिर जो कि कर्नाटक के मैसूर में स्थित है, वहां कैसे पहुंच सकते हैं, एवं कैसे देवी के दर्शन कर सकते हैं।

साथ ही इस आर्टिकल मे हम इस मंदिर के निर्माण यानी कि इसके इतिहास के बारे में भी आपको बताने वाले हैं। तो चलिए बिना किसी देरी के इस मजेदार आर्टिकल को शुरू करते हैं।

चामुंडेश्वरी मंदिर मैसूर का इतिहास (Chamundeswari Mandir Maisur History in Hindi)

मान्यता है कि इस मंदिर का निर्माण 12 वीं शताब्दी में होयसल राजवंश के शासकों द्वारा किया गया था। लेकिन धीरे-धीरे इस मंदिर की लोकप्रियता बढ़ती गई, उसके बाद इस मंदिर की बढ़ती लोकप्रियता को देखकर, मैसूर के राजा ने सन 1399 मे इस मंदिर का  पुनर्निर्माण करवाया और इसका विस्तार किया।

भले ही इस मंदिर का निर्माण होयसल राजवंश के शासकों द्वारा करवाया गया है। लेकिन इस मंदिर में जो टावर बने हुए हैं उनका निर्माण विजयनगर के शासकों द्वारा करवाया गया है, साथ ही साथ इस मंदिर के विस्तार का श्रेय मैसूर के शासकों को जाता है। यानी कि इस मंदिर का निर्माण में तीन राजवंशों के शासकों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

कर्नाटक के लोगों के लिए चामुंडेश्वरी देवी यहां की स्थानीय देवी है, और इन्हें यहां के लोग नादा देवी के नाम से पुकारते हैं, जिसका अर्थ भी स्थानीय देवी ही होता है। चामुंडेश्वरी देवी को कर्नाटक के राजा महाराजाओं के संरक्षक देवी के रूप में माना जाता है। इसलिए यहां इनके मंदिर का बहुत ही ज्यादा महत्व है, और यह मंदिर बहुत ही ज्यादा प्रसिद्ध है। जिसके दर्शन के लिए देशभर से श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है।

 तो चलिए अब हम आपको इस मंदिर के सैर के लिए ले चलते है, और जानते हैं कि आप कैसे इस मंदिर के दर्शन कर सकते हैं।

चामुंडेश्वरी मंदिर के दर्शन कैसे करें (Chamundeswari Mandir ke Darshan kaise kare)?

वैसे तो चामुंडेश्वरी मंदिर जाकर देवी के दर्शन करने में आपको किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी, आप सीधे इस मंदिर में पहुंचकर देवी के दर्शन कर सकते हैं। लेकिन अगर आप समय को ध्यान में रखकर यहा जाएंगे, तो आपको किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी। तो चलिए हम आपको इस मंदिर के समय सारणी के बारे में भी थोड़ी जानकारी दे देते हैं।

यह मंदिर सुबह 7:30 बजे खुल जाता है, और इसे दोपहर के 2:00 बजे बंद कर दिया जाता है। तथा 2:00 से 3:30 के बीच माता को भोग लगाकर भक्तों को भी प्रसाद के रुप मे भोजन करवाया जाता है, और यह मंदिर 3:30 को पुनः भक्तों के लिए खोल दिया जाता है। यह मंदिर रात को 9:00 बजे तक खुला रहता है।

अगर इस मंदिर के आरती के समय की बात की जाए, तो इस मंदिर में सुबह की आरती 6:00 से 7:30 के बीच, तथा शाम की आरती भी 6:00 से 7:30 के बीच ही होती है।

तो अगर आप इस समय को ध्यान में रखकर जायेंगे, तो आपको देवी के दर्शन करने में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होगी, और आप आरती में भी शामिल हो सकते हैं। तो चलिए अब हम यह जानते हैं कि, अगर आप किसी दूसरे शहर से आ रहे हैं, तो आप किस प्रकार से देवी के मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

चामुंडेश्वरी मंदिर कैसे पहुचे (Chamundeswari Mandir Maisur Kaise Phuche)?

बस से चामुंडेश्वरी मंदिर कैसे पहुचे (Bus se Chamundeswari Mandir Maisur Kaise Phuche)?

अगर आप सड़क माध्यम से बस से या फिर अपने साधन से आने के बारे में सोच रहे हैं। तो इसमें भी आपको किसी प्रकार की परेशानी नहीं होगी। क्योंकि यह मंदिर मैसूर में स्थित है, और मैसूर लगभग सभी प्रमुख शहरों से सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है, और आपको लगभग सभी प्रमुख शहरों से मैसूर के लिए सीधी बसे भी देखने को मिल जाती है। इसलिए आप बस या फिर खुद के वाहन से इस मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

ट्रेन से चामुंडेश्वरी मंदिर कैसे पहुचे (Train se Bus se Chamundeswari Mandir Maisur Kaise Phuche)?

अगर आप ट्रेन से आने के बारे में सोच रहे हैं, तो यह आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है। क्योंकि अगर इस मंदिर के निकटतम रेलवे स्टेशन की बात की जाए, तो इस मंदिर का निकटतम रेलवे स्टेशन मैसूर जंक्शन ही है। जहां से इस मंदिर की दूरी लगभग 12 से 13 किलोमीटर की है। इसे पूरा करने के लिए आप टैक्सी या फिर कैब का इस्तेमाल कर सकते हैं।

फ्लाइट से चामुंडेश्वरी मंदिर कैसे पहुचे (Airoplane se Chamundeswari Mandir Maisur Kaise Phuche)?

अगर आप हवाई मार्ग यानी की फ्लाइट से आने के बारे में सोच रहे हैं। तो आपको मैसूर में एयरपोर्ट की भी सुविधा देखने को मिल जाती है। मैसूर के एयरपोर्ट से इस मंदिर की दूरी लगभग 13 से 14 किलोमीटर की है। जहां जाने के लिए आप टैक्सी या फिर कैप का इस्तेमाल कर सकते हैं।

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